-गांव कनेक्शन, जिस फसल को देखकर किसान के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं, उसी फसल को हाथ में लेकर 70 साल के बुजुर्ग किसान अच्छे लाल फफक रहे थे। कई हजार रुपए की लागत और कड़ाके की सर्दी में छुट्टा पशुओं से बचाकर लगभग तैयार हो गई उनकी तीन एकड़ चने की फसल 14 मार्च को भारी बारिश और हवा से बर्बाद हो गई थी। "पूरी फसल बर्बाद हो गई, इससे अब...
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पहली बार परती ही छूट गई मोकामा टाल की 10 हजार एकड़ जमीन, किसान परेशान
अपनी खास भौगोलिक स्थिति के कारण पहचाने जाने वाले मोकामा टाल में इस साल करीब 10 हजार एकड़ जमीन परती छूट गई। स्थानीय लोग बताते हैं कि उनके ज्ञात इतिहास में ऐसा पहली दफा हुआ है। दाल के कटोरे के नाम से मशहूर टाल इलाके में इस बार गंगा नदी का पानी जनवरी के पहले सप्ताह तक जमा रह गया, जो अमूमन सितंबर महीने तक निकल जाता था, इस वजह...
More »जलवायु परिवर्तन से बिहार में खेती के बुरे दिन
ग्लोबल वार्मिंग में कोई ख़ास योगदान ना होने के बावजूद, बिहार को जलवायु परिवर्तन के अंजाम भुगतने पड़ रहे हैं। जलवायु परिवर्तन का सबसे ज़्यादा असर बिहार में खेती पर पड़ा है। बेमौसम बरसात, मॉनसून की बारिश का लगातार कम होना और तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी ने बिहार की खेती की तस्वीर बदल कर रख दी है। कभी फ़ायदे का सौदा कही जाने वाली खेती में अब नुकसान के अलावा...
More »वर्ष 2018 में 10,349 किसान एवं कृषि श्रमिकों ने की आत्महत्या : एनसीआरबी
लाख कोशिशों के बावजूद भी किसान और खेती से जुड़े लोगों की आत्हत्या रुक नहीं रही है। प्रतिकूल मौसम से फसलों पर मार पड़ने के साथ ही कृषि ऋण संकट या फिर अन्य कारणों से देश के हजारों किसान हर साल आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 में कृषि क्षेत्र (कृषक और कृषि श्रमिक) से जुड़े कुल 10,349...
More »यूरिया की किल्लत से गहराता संकट
समूचे हिंदुस्तान में इस वक्त यूरिया खाद की किल्लत है। गेहूं की बुआई से लेकर अभी तक अन्नदाताओं को उनकी जरूरत के मुताबिक यूरिया नहीं मिल सकी है। इस किल्लत के पीछे यूरिया की धड़ल्ले से हो रही कालाबाजारी है, जो चिंतित कर रही है। कहने को बाजारों में स्टॉक की कमी का रोना रोया जा रहा है, लेकिन ब्लैक में जितनी चाहो, उतनी यूरिया चंद घंटों में मुहैया हो...
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