नई दिल्ली: विपक्ष ने सोमवार को लोकसभा में मोदी सरकार द्वारा लाए गए सूचना का अधिकार कानून में संशोधन प्रस्ताव की आलोचना की और आरोप लगाया गया कि ये कानून को कमजोर करने और पारदर्शिता आयोग को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तरह निष्प्रभावी बनाने की कोशिश है. संशोधन के जरिए आरटीआई कानून को कमजोर करने के आरोपों को खारिज करते हुए सरकार ने कहा कि विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा...
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नगालैंड: आफस्पा की अवधि छह महीने के लिए बढ़ाई गई
नई दिल्ली: पूरे नगालैंड राज्य में विवादास्पद कानून आफ्सपा की अवधि बढ़ाते हुए और छह महीने, दिसंबर 2019 तक ‘अशांत क्षेत्र' घोषित कर दिया गया है. आफस्पा सुरक्षा बलों को राज्य की सीमा के अंदर कहीं भी अभियान संचालित करने और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है. नगालैंड में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून (आफस्पा) कई दशकों से लागू है. गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना...
More »‘उच्च शिक्षा पर हमला करने का मकसद सरकारों से सवाल पूछने वालों को ख़त्म करना है’
मानवाधिकारों से जुड़े पीपुल्स कमीशन ऑन श्रिंकिंग डेमोक्रेटिक स्पेस (पीसीएसडीएस) नाम के एक समूह ने देश में शिक्षा व्यवस्था और शैक्षणिक संस्थानों पर हो रहे कथित हमलों की सच्चाई जानने के लिए अप्रैल 2018 में एक समिति (जूरी) का गठन किया गया था. इस समिति में सेवानिवृत्त जस्टिस होसबेट सुरेश और जस्टिस बीजी. कोल्से पाटिल, प्रोफेसर उमा चक्रवर्ती, अमित भादुड़ी, टीके. ओमन, वासंती देवी, घनश्याम शाह, मेहर इंजीनियर और कल्पना कन्नाबीरान...
More »परीक्षा के अंक नहीं हैं जिंदगी का पैमाना- आशुतोष चतुर्वेदी
हाल में बिहार, झारखंड, सीबीएसइ और आइसीएससी बोर्ड के नतीजे आये हैं. साथ ही कई बच्चों के आत्महत्या करने की दुखद खबरें भी आयीं. ऐसी खबरें इसी साल आयीं हों, ऐसा नहीं हैं. ये खबरें साल-दर-साल आ रही हैं. दुर्भाग्य यह है कि अब ऐसी खबरें हमें ज्यादा विचलित नहीं करती हैं. कुछ दिन चर्चा होकर बात खत्म हो जाती है. गंभीर होती जा रही इस समस्या का कोई...
More »चुनाव चर्चा से नदारद पुलिस सुधार- विभूति नारायण राय
आगामी आम चुनाव को लेकर सभी प्रमुख दलों ने अपने-अपने घोषणापत्र जारी कर दिए हैं और इन सभी में एक समान अनुपस्थिति आपका ध्यान आकर्षित कर सकती है। किसी भी दल ने पुलिस सुधारों पर एक भी पंक्ति लिखने की जरूरत नहीं समझी। पहले की ही तरह इस बार भी किसी को यह जरूरी नहीं लगा कि जिस संस्था से जनता का रोजमर्रा की जिंदगी में सबसे ज्यादा वास्ता पड़ता...
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