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जेएनयू हिंसा: नए-नए दुश्मन की तलाश में सर्वनाशी सियासत

जेएनयू में हुई विस्मयकारी हिंसा से आपको यह आसान बात समझा आ जानी चाहिए कि भारत एक ऐसी सत्ता द्वारा शासित हो रहा है जिसके होने का एकमात्र कारण विरोध का ज़रिया ढूंढ़ना और उसे क्रूरता से कुचलना है. कायर ठगों का भारत के सबसे प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक में इस तरह घूमना, शिक्षकों और विद्यार्थियों का सर फोड़ देना, जेएनयू प्रशासन द्वारा मामूली हाथापाई बताकर दरकिनार करने वाली...

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डीयू के एड-हॉक शिक्षकों का प्रदर्शन अंदर तक सड़ चुके हमारे स्नातक कार्यक्रम की ओर इशारा करता है

जब लोगों का ध्यान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बढ़ी हुई फीस को लेकर हो रहे विरोध पर है तब दिल्ली विश्वविद्यालय में डूटा (दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर्स असोसिएशन) के नेतृत्व में भी प्रदर्शन हो रहा है. लगातार छठवें दिन विश्वविद्यालय के अध्यापक उप-कुलपति (वीसी) के दफ्तर के बाहर लॉन में डेरा जमाए बैठे हुए हैं. उनकी मांग दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में अध्यापकों की भर्ती को लेकर है. इसलिए वो...

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नेतृत्व जो जनजातियों को नहीं मिला- रामचंद्र गुहा

भारतीय संविधान ने दो सामाजिक समूहों को विशेष रूप से वंचित माना है। पहला, अनुसूचित जाति, जिसे बोलचाल की भाषा में दलित कहा जाता है, जबकि दूसरा समूह है अनुसूचित जनजाति, जिसे अमूमन आदिवासी माना जाता है। दोनों समूह अपनी रचना में असाधारण रूप से एक-दूसरे के विपरीत हैं। भाषा, जाति, गोत्र, धर्म और आजीविका जैसे तमाम मामलों में पूरी तरह से जुदा। आंध्र प्रदेश की मडिगा जाति और उत्तर...

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ट्रैक्टरों की खरीद में कमी से जानिये बढ़ते ग्रामीण-संकट का हाल, इस न्यूज एलर्ट में

ट्रैक्टरों की खरीदारी का देश की अर्थव्यवस्था में आ रहे उतार-चढ़ाव से क्या रिश्ता हो सकता है ? अगर इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको जेहन पर ज्यादा जोर देना पड़ रहा हो तो इस न्यूज एलर्ट को ध्यान से पढ़िए और सोचिए कि ट्रैक्टरों की खरीदारी के जिस आंकड़े के सहारे अर्थशास्त्रियों का एक समूह देश की अर्थव्यवस्था की खुशहाली के निष्कर्ष निकाल रहा है, उन्हीं आंकड़ों...

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रैंकिंग में और पिछड़ी उच्च शिक्षा -- हरिवंश चतुर्वेदी

भारत सरकार द्वारा देश के विश्वविद्यालयों को स्पद्र्धा-योग्य बनाने के प्रयासों को ब्रिटेन की ‘टाइम्स हायर एजुकेशन' द्वारा घोषित 2020 की विश्वविद्यालय रैंकिंग सूची से धक्का लगा है। पिछले एक दशक से मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे थे, ताकि भारत के नामचीन विश्वविद्यालय शीर्ष स्तर पर जगह बना सकें। पिछले साल लागू की गई इंस्टीट्यूट ऑफ एमीनेंस (आईओई) नामक बहुचर्चित योजना का तो यह प्रमुख लक्ष्य...

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