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एनआरएचएम घोटाला : सीबीआई के 60 से भी ज्यादा स्थानों पर छापे

नयी दिल्ली, चार जनवरी (एजेंसी) सीबीआई ने आज :एनआरएचएम: मामले में 60 से भी ज्यादा स्थानों की तलाशी ली। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान :एनआरएचएम: के लिए आवंटित कोष में कथित अनियमितताओं से जुड़ी जांच के मामलों के संबंध में 60 से भी ज्यादा स्थानों की तलाशी ली। इन स्थानों में उत्तर प्रदेश के पूर्व परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाह का लखनउच्च् स्थित आवास भी शामिल था । उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली...

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अवैध खनन मामला : अदालत ने आईएएस अधिकारी की जमानत रद्द की

हैदराबाद, दो जनवरी (एजेंसी) आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी :ओएमसी: मामले के आरोपियों में से एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वाई श्रीलक्ष्मी की जमानत आज रद्द कर दी। हैदराबाद स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने श्रीलक्ष्मी को सशर्त जमानत दी थी। श्रीलक्ष्मी को कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी जनार्दन रेड्डी के स्वामित्व वाली ओएमसी को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोप में गत...

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निगमानंद मामले को बंद करने की सीबीआई की रिपोर्ट

देहरादून, 29 दिसम्बर (एजेंसी) हरिद्वार के मातृसदन के स्वामी निगमानंद की आमरण अनशन के बाद कोमा के दौरान हुई मृत्यु की जांच कर रही सीबीआई ने विशेष अदालत में क्लोजर रिपोर्ट पेश की है। सीबीआई सूत्रों ने आज यहां बताया कि पूरे मामले की जांच के बाद सीबीआई ने कल न्यायालय में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी है। इस मामले में जांच के बाद पाया गया है कि निगमानंद को अनशन के दौरान जहर नहीं...

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भ्रष्टाचार के रास्ते- कुमार प्रशांत

जनसत्ता 13 दिसंबर, 2011:  जयप्रकाश नारायण ने 1974 में, जब वे कई सारे सवालों के साथ-साथ भ्रष्टाचार का भी सवाल उठा कर सारे देश में आंदोलन खड़ा करने में लगे थे, एक गहरा और मार्मिक लेख लिखा था। इसका शीर्षक था:‘क्या नैतिक ताने-बाने के बिना भी कोई देश बना रह सकता है?’ इसमें उन्होंने मुख्य रूप से दो बातें कही थीं। एक,भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे की तरफ चलता है। सत्ता-संपत्ति-अधिकार...

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कुछ लोग कानून से परे क्यों? : गुरचरन दास

सितंबर की उस तपती हुई दोपहर को जब मुख्य और जिला सत्र न्यायाधीश एस कुमारगुरु ने निर्णय सुनाना शुरू किया, तब धर्मपुरी (तमिलनाडु) के उस खचाखचभरे कोर्टरूम में खामोशी पसरी हुई थी। न्यायाधीश ने 3.30 बजे निर्णय सुनाना प्रारंभ किया था, लेकिन यह प्रक्रिया लगभग एक घंटे तक जारी रही, क्योंकि उन्हें उन 215 सरकारी अधिकारियों के नाम पढ़कर सुनाने थे, जिन्हें दोषी ठहराया गया था। उन 12 अधिकारियों को...

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