तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख। जज साहब, यहां न्याय नहीं मिलता, मिलती है तो सिर्फ तारीख। जीं हां, फिल्म दामिनी में बोला गया यह डायलाग लोगों को इस कदर याद हो गया है कि जब भी किसी केस के जजमेंट में देरी की बात आती है तो आदमी यही लाइन्स दोहराता है। पर अब एक राहत की बात यह है कि अगर सब कुछ सही रहा तो लोगों को कोर्ट से तारीख पर तरीख...
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हाईकोर्ट में महिला जजों की नियुक्ति बढ़ाने का निर्देश
कोलकाता। महिला आरक्षण बिल के राज्य सभा में शानदार बहुमत से पास होने के बाद उत्साहित केन्द्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोईली अब कलकत्ता हाईकोर्ट में खाली पड़े जजों के पद पर महिलाओं की अधिक से अधिक नियुक्ति को सुनिश्चित करना चाहते हैं। हाल में कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहित एस शाह को कानून मंत्री की ओर से भेज गये पत्र में इस बात का उल्लेख है। जजों की नियुक्ति के लिये तैयार होने वाली...
More »फूलमती: वह सचमुच ग्राम प्रधान है
आजमगढ़ [जासं]। अन्याय सहना उन्होंने नहीं सीखा। फकत सात साल की थीं जब उन्होंने कदाचार के खिलाफ बिगुल फूंका। कीमत बड़ी चुकानी बड़ी अर्थात पढ़ाई छूट गयी लेकिन हौसले का साथ न छूटा। कदाचार के खिलाफ जंग जारी रही और वर्ष 2005 में कक्षा 2 पास यह महिला बनीं अपने गाव की मुखिया। बात हो रही है फूलमती त्रिपाठी की। वह अजमतगढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत कादीपुर रजादेपुर की प्रधान हैं। मायका है...
More »चीफ जस्टिस का दफ्तर भी आरटीआई के दायरे में
नई दिल्ली. एक ऐतिहासिक फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने कहा है कि देश के चीफ जस्टिस का दफ्तर भी सूचना के अधिकार के दायरे में आता है। साथ में ही इस कानून के तहज जजों को अपनी संपत्ति का भी ब्यौरा देना होगा। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एपी शाह और जस्टिस एस.मुरलीधर और विक्रमजीत सेन की बेंच ने कहा उच्च न्यायपालिका जनता के लिए उतनी ही अधिक जिम्मेदार होती है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री...
More »जजों की कमी से लंबित हो रहे मुकदमे
लखनऊ। भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन ने कहा कि अदालतों में लंबित मुकदमों की फेहरिस्त जजों की कमी की वजह से बढ़ती जा रही है। अदालतों में अवस्थापना सुविधाओं की कमी शिद्दत से महसूस की जा रही है। न्यायालयों में पर्याप्त संख्या में कोर्ट नहीं हैं। दु:खद तो यह है कि कई राज्य सरकारें अदालतों के विकास में दिलचस्पी नहीं ले रही हैं। यदि अदालतों में स्वीकृत संख्या के अनुरूप जजों की तैनाती...
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