-न्यूजलॉन्ड्री, रविवार सुबह के नौ बजे आनंद विहार बस अड्डे के पास इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के सामने सैकड़ों की संख्या में दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान से आए मजदूर जमीन पर बैठे हुए हैं. दिल्ली सरकार ने इन्हें इनके घर तक पहुंचाने के लिए प्राइवेट बसें तैनात की हैं. कंडक्टर और दिल्ली पुलिस के जवान की पहली ही आवाज़ गोरखपुर... की आई और सैकड़ों की संख्या में लोग बस की तरफ...
More »SEARCH RESULT
अंकरी घास क्यों खा रहे थे मुसहर?
-न्यूजलॉन्ड्री, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में 21 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है. इसके बाद गरीब और मजदूर तबके की परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग शहरों से मजदूर तबका अपने घरों को लौटने को मजबूर है. इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से एक खबर सामने आई जिसने...
More »शहरों से गांव पहुंचने वाले मजदूरों को लेकर कितना तैयार है प्रशासन?
-गांव कनेक्शन, लॉकडाउन के बाद सडकों पर उतरे मजदूर अब अपने राज्यों और जिलों को पहुंचने लगे हैं। पहले लोगों को चिंता थी कि ये मजदूर सही तरीके से अपने घर पहुंच जाएं लेकिन अब सबको यह चिंता सता रही है कि अगर इन लोगों में कोई कोरोना से संक्रमित हुआ तो क्या होगा? आपकी इसी चिंता को देखते हुए गांव कनेक्शन ने उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों से जानकारी जुटाई...
More »क्या-क्या करें भारतीय पत्रकार कोरोना वायरस से बचाव के लिए
-न्यूजलॉन्ड्री, आने वाले दिनों में मीडिया कंपनी के मालिक और सम्पादक कोरोना वायरस से संबंधित ख़बरों को कवर करने के लिए रिपोर्टरों को भेजेंगे. रिपोर्टरों को ऐसे वक्त में फील्ड में उतरने से पहले क्या तैयारियां और ऐहतियात बरतना चाहिए: 1. ऐहतियात बरतने से ही बचाव संभव है. मास्क पहनिए और जैसे ही ये गीला हो जाए इसको बदल दी जिये. इसमें लगे इलास्टिक बैंड से इसको छूएं और सीधे-सीधे मास्क को...
More »बिना संघर्ष के औरतों को न मर्द कुछ देंगे, न ही सरकारें
-जनज्वार कागज पर बने कानूनों और जमीनी स्तर पर उनके क्रियान्वयन के बीच लगातार दिखाई देने वाला अंतर सरकार की निष्क्रियता के चलते ही है। इसे पितृसत्ता को वास्तविक चुनौती देने की राज्य की अपनी भूमिका से बचने के रूप में भी देखा जा सकता है…. पाकिस्तान में पेशे से वकील सारा मल्कानी की टिप्पणी पाकिस्तान में महिलाओं पर हिंसा अपराध भी है और सामाजिक रूप से स्वीकृत परम्परा भी। हमारे यहां महिलाओं...
More »