विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
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चुनौती से ज्यादा उपेक्षा के मारे
छत्तीसगढ़ के जंगलों में एक हफ्ता गुजारकर लौटे बृजेश पांडे बता रहे हैं कि देश की सबसे बड़ी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैनात सीआरपीएफ के जवानों के मनोबल की हालत क्या है बारिश लगातार हो रही है. कभी हल्की तो कभी तेज बौछार के साथ. संभल-संभलकर चलते हुए हमें तीन घंटे हो गए हैं. यहां-वहां देखते हुए, दुश्मन की तलाश करते हुए. दुनिया के सबसे बड़े अर्धसैनिक बलों में...
More »तटबंधों पर दबाव बढ़ा, कई इलाकों में तबाही
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार में बुधवार को भी नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा। उत्तर बिहार के में पहाड़ी नदियों का कहर जारी है, जिससे तटबंधों पर दबाव बढ़ रहा है। सुरक्षा उपायों के तहत होमगार्ड जवानों की तैनाती की जा रही है। दरभंगा के कई इलाकों में पानी फैलने से आवागमन ठप हो गया है। कई गांव पानी से घिरे हैं। पूर्वी बिहार में कोसी के कटाव से...
More »130 साल की सेहतमंद व 45 लोगों का परिवार
नहटौर, बिजनौर [हरीश चौधरी]। यह खबर नहीं, आईना है। खासकर उन लोगों के लिए जो सिर्फ पत्नी और बच्चों के साथ ही जीवन में खुशियां ढूंढ़ते हैं। यूं कहें जिनका संयुक्त परिवार से कोई वास्ता नहीं रह गया है। उन्हें यह खबर बताएगी कि परिवार और परिवार का मुखिया होने का मतलब क्या होता है? हम जिस परिवार की बात कर रहे हैं, उसमें मुखिया 130 वर्ष की वृद्धा है। वह...
More »पालीथीन खा रहे हिरण, मारे फिर रहे चीतल-सांभर
बगहा [प.चंपारण, संजय कुमार उपाध्याय]। राज्य की इकलौती व्याघ्र परियोजना वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में हरित भूमि [ग्रास लैंड] की कमी से जंगल का कानून तो धराशायी हो ही गया है, इको टूरिज्म के फेल होने का भी खतरा बढ़ गया है। घास नहीं मिलने से जानवरों के समक्ष भूखे मरने की नौबत आ गई है। शाकाहारी जानवर पर्यटकों की फेंकी पालीथीन खाकर जीवन जोखिम में डाल रहे हैं तो मांसाहारी जानवरों को...
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