नई दिल्ली। देश के रीयल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 2022 तक करीब आठ करोड़ कुशल कामगारों की जरूरत पड़ेगी। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट कहती है कि भारत में बिल्डिंग, कंस्ट्रक्शन और रीयल एस्टेट सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। एनएसडीसी ने जिन 24 सेक्टरों का अध्ययन किया है, उनमें इस सेक्टर में 2013-2022 के बीच मानव संसाधन की अधिकतम आवश्यकता...
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सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश
अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...
More »65 हजार करोड़ के निवेश से हो गये वंचित
झारखंड में जब तक जमीन की समस्या का कोई रास्ता नहीं निकलता, इस राज्य को विकसित राज्य बनाना मुश्किल होगा. राज्य बनने के बाद अनेक कंपनियों ने झारखंड आना चाहा, लेकिन अधिकांश को जमीन नहीं मिल पायी. एमओयू होते गये लेकिन ये जमीन पर नहीं उतारे गये. 37 स्टील कंपनियों ने तो एमओयू वापस ले लिया या रद्द कर दिया. अगर ये कंपनियां यहां लग गयी होती तो न सिर्फ...
More »भूमंडलीकरण के दौर में मजदूर दिवस- कृष्ण प्रताप सिंह
भूमंडलीकरण व्यापने के बावजूद दुनिया के कई देशों में मजदूर दिवस सरकारी छुट्टी का दिन है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के संस्थापक सदस्य भारत में ऐसा नहीं है! और तो और, इस देश में ऐसी कोई परंपरा भी नहीं बन पायी है, जिससे मजदूरों के संदेशों को दूसरी नहीं तो कम-से-कम उनकी अपनी जमातों तक पहुंचाया जा सके. ऐसे दुर्दिन में मजदूर दिवस पर कोई भी सार्थक बातचीत उसके सामान्य परिचय...
More »घाटे का सौदा नहीं है जीएसटी - सुषमा रामचंद्रन
स्टॉक मार्केट में उथलपुथल का माहौल है और विदेशी निवेशकों की अब मोदी सरकार से ये उम्मीदें टूटने लगी हैं कि वह भारत में बहुप्रतीक्षित आर्थिक सुधारों का पथ प्रशस्त कर पाएगी। पिछले साल नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से जिन विदेशी निवेशकों ने स्टॉक मार्केट में भरपूर पूंजी लगाना शुरू किया था, अब वे अपना पैसा वापस खींच रहे हैं। वे अतीत की तारीखों से लागू...
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