विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में रहस्योद्घाटन किया है कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले 15 बरस में बढ़कर 12 गुना हो गई है। गौरतलब है कि यह वही दौर है जब भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुए चंद साल ही हुए थे। उदारीकरण के दो दशक बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच का फासला लगातार बढ़ता ही नहीं जा रहा बल्कि...
More »SEARCH RESULT
विकास की जिम्मेदारी राज्यों की- एम के वेणु
राजग सरकार ने 'सहकारी संघवाद' की अपनी धारणा के तहत, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेहद प्रिय है, केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय बंटवारे के पैटर्न को बुनियादी तौर पर बदलना चाहा है। उदाहरण के तौर पर, वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश बजट में स्वास्थ्य, बाल विकास, शिक्षा, ग्रामीण पेयजल, आवास जैसे महत्वपूर्ण विकास कार्यक्रमों के मद में दी जाने वाली केंद्रीय सहायता में करीब 75,000 करोड़ रुपये...
More »ऑस्ट्रेलिया से आएगा गेहूं, 5 साल में सबसे ज्यादा आयात की नौबत
नई दिल्ली। बेमौसम बारिश ने इस साल भारत में गेहूं के आयात की नौबत ला दी है। हाल में भारतीय व्यापारियों ने ऑस्ट्रेलिया से 80 हजार टन गेहूं आयात के सौदे किए हैं। पिछले पांच साल में यह गेहूं का सबसे बड़ा आयात होगा। मार्च में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार से भारत के कई राज्यों में गेहूं की फसल तबाह हुई है, जिसे देखते हुए ट्रेडर्स गेहूं...
More »चीन की घिनौनी हरकत, भारत भेज रहा प्लास्टिक के चावल
नई दिल्ली। चीनी सामान के लिए भारत एक बड़ा बाजार है। इस बात का फायदा उठाते हुए चीन हमारे देश में अब प्लास्टिक की अन्य चीजों के साथ ही चावल भी भेज रहा है। एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के अनुसार, कुछ निर्माता आलू, शकरकंद और चीनी पॉलीमर मिलाकर प्लास्टिक के चावल बना रहे हैं और इसे भारत भेज रहे हैं। इन्हें देखकर असली चावल से अलग करना मुश्किल है। हालांकि, पकाते...
More »सब्सिडी का होगा बेहतर उपयोग- जयंतीलाल भंडारी
यकीनन कल तक लगातार सब्सिडी बढ़ने और सब्सिडी के दुरुपयोग वाले देशों की सूची में भारत पहली पंक्ति में शामिल किया जाता रहा है। अब पहली बार वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में सरकार ने खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम पर दी जाने वाली सब्सिडी में 10 फीसदी की कटौती कर दी है। लेकिन सब्सिडी के बेहतर उपयोग का प्रश्न देश के समक्ष उपस्थित है। अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत के लिए मोटे...
More »