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प्राकृतिक आपदा के चलते कृषि उत्पादन में कमी

भुवनेश्वर। राज्य में आ रहे बाढ़, तूफान, सूखा जैसे प्राकृतिक आपदा के चलते कृषि उत्पादन काफी कम होने की बात कृषि मंत्री ड.दामोदर राउत ने कही है। विधानसभा में आज प्रश्नोत्तर काल के दौरान विधायकों के प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री श्री राउत ने कहा कि 2007-08 में राज्य में 510.22 लाख टन धान उत्पादन हुआ था, जबकि 2008-09 में बाढ़, सूखा जैसे प्राकृतिक आपदा के चलते 453.65 लाख टन धान...

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उत्तराखंड की कृषि विकास दर ऋणात्मक

देहरादून। वर्ष 2008-09 में उत्तराखंड की कृषि विकास दर ऋणात्मक रही है। इसकी प्रमुख वजह सूखा और तकनीकी सुधार में खामी को बताया जा रहा है। आने वाले दो वर्षो में वर्षा की स्थिति पर राज्य की कृषि विकास दर निर्भर करेगी। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के मध्यवर्ती मूल्यांकन में ये तथ्य सामने आए हैं। मूल्यांकन में बताया गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर दसवीं पंचवर्षीय योजना में कृषि के...

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बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 1

अपनी वीरता और जुझारूपन के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में कई सालों के सूखे, इसके चलते पैदा कृषि संकट और इनसे निपटने की योजनाओं में भ्रष्टाचार ने पलायन और आत्महत्याओं की एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म दे डाला है. - रिपोर्ट रेयाज उल हक बुंदेलखंड को मिले 3,506 करोड़ रुपए के पैकेज से महोबा जिले के पवा गांव की रामकली को समय पर और नियमित रूप से राशन मिल जाने की कम...

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नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी, कटाव तेज

पटना बिहार में बुधवार को भी नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा। उत्तर व पूर्व बिहार में कई स्थानों पर पानी का दबाव अब भी बना हुआ है जिससे कटाव लगातार जारी है। खगड़िया जिले में एक ओर जहां बूढ़ी गंडक का बढ़ना जारी है, वहीं दूसरी ओर कोसी के जलस्तर में कमी आने से कटाव का खतरा बढ़ गया है। गंडक बराज से 1.8 लाख क्यूसेक पानी नदी के...

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बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 2

सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80  हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...

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