कोलकाता : उत्तर बंगाल के चाय बागान श्रमिकों को विधानसभा चुनाव के पहले लुभाने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. तृणमूल कांग्रेस सरकार ने यहां अपना दबदबा बनाने के लिए सरकारी योजनाओं के तहत श्रमिकों को लाभान्वित करने का फैसला किया है. चाय बागान के श्रमिकों को खाद्य साथी योजना के तहत 47 पैसे प्रति किलो चावल व गेहूं देने की घोषणा के बाद अब राज्य सरकार...
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बैंकों के फंसे कर्ज पर चुप्पी क्यों- देविन्दर शर्मा
हाल में एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट हैरान करने वाली थी। पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान 29 राष्ट्रीयकृत बैंकों ने 1.14 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को न वसूल हो सकने वाले डूबत खाते में डाल दिया। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, 7.32 लाख करोड़ रुपये का ऋण आश्चर्यजनक रूप से सिर्फ दस कंपनियों को दिए गए था। ये रिपोर्टें ऐसे वक्त में आ रही हैं, जब आर्थिक...
More »कब कमर कसेगी सरकार-- शंकर अय्यर
आप इसे बजट राग कह सकते हैं, जो पैसे के मूल मंत्र पर केंद्रित है। बजट के मौसम में सरकारी विचार कक्ष में पैसे के बारे में काफी चर्चा होती है। इस बार भी चर्चा हो रही है कि सरकार को राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करना चाहिए या उसकी चिंता छोड़ देनी चाहिए। चर्चा इस पर भी है कि किसे दर्द सहना चाहिए और किसे फायदा होगा। विकास का सिद्धांत...
More »आधी अधूरी खाद्य व्यवस्था-- जाहिद खान
तत्कालीन यूपीए सरकार जब साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लेकर आई, तो यह उम्मीद बंधी थी कि इस विधेयक के अमल में आ -जाने के बाद देश की 63.5 फीसद आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। अफसोस, इस कानून को बने तीन साल हो गए, मगर यह आज भी पूरे देश में अमल में नहीं आ पाया है। नौ...
More »डिजिटल राशनकार्ड: खाद्य मंत्री से मांगी रिपोर्ट
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में खाद्य सुरक्षा योजना के लिए पुराने राशन कार्डों का डिजिटलीकरण कर नया कार्ड आवंटन शुरू हो गया है, लेकिन जैसे-जैसे कार्डों का वितरण हो रहा है, वैसे-वैसे इसमें खामियां भी देखने को मिल रही है. अब तक लगभग पांच लाख लोगों के नाम व पते संबंधी गलतियां पायी गयी हैं, जबकि कई लाख लोगाें के नाम इस सूची से काट दिये गये हैं. इस घटना से...
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