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अंतहीन कृषि संकट से कैसे उबरें-- देविन्दर शर्मा

देश का 'अन्न का कटोरा' कहा जाने वाला पंजाब कई विरोधाभासों का सामना कर रहा है। जबसे हरित क्रांति की शुरुआत हुई, पंजाब ने साल दर साल रिकॉर्ड स्तर पर अतिरिक्त अनाज का उत्पादन किया, फिर भी यह वर्षों से किसान आत्महत्या के कारण कब्रगाह में तब्दील हो गया है। शायद ही कोई दिन ऐसा जाता होगा, जब पंजाब के अखबारों में किसान आत्महत्या की खबर न छपती हो। पंजाब राष्ट्रीय...

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नक्सली फरमान के बाद दहशत में वनकर्मी और ग्रामीण

नारायणपुर। कोरसेंडा में नक्सलियों की धमकी से वनकर्मी हलकान हैं। वनों की कटाई का काम रुक गया है। सोनपुर पूर्व एवं नारायणपुर रेंज के अंतर्गत आने वाली रावघाट रेललाइन परियोजना के लिए वनों की कटाई और लकड़ी की ढुलाई का काम पिछले दिनों ठेकेदार के बेटे की हत्या के बाद से थम गया है। घटना के ग्यारह दिन बाद भी कोसरेंडा में दहशत है। यहां नक्सलियों द्वारा जलाए गए वाहनों को अब...

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फिर सूखे की ओर बुंदेलखंड-- पंकज चतुर्वेदी

बुंदेलखंड के गांवों के लोग पलायन कर रहे हैं- पानी की कमी के चलते। अगली बरसात दस महीने दूर है और बुंदेलखंड से जल संकट, पलायन और बेबसी की खबरें आने लगी हैं। वैसे मध्यप्रदेश के तेईस जिलों की एक सौ दस तहसीलों को राज्य सरकार ने सूखा प्रभावित घोषित कर दिया है, जिनमें बुंदेलखंड में आने वाले सभी जिले शामिल हैं। हालांकि इस घोषणा से सूखा प्रभावितों की दिक्कतों...

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स्वच्छता के नायक--- जेपी चौधरी

स्वच्छ भारत अभियान की जोरदार शुरुआत से लगा था कि देश स्वच्छ होगा। नई स्वच्छता नीति का निर्माण करते हुए सफाई के बुनियादी ढांचे में परिवर्तन होगा। सफाई कार्यों का बड़े पैमाने पर मशीनीकरण होगा और सफाई कामगारों को मैला ढोने से निजात मिलेगी। लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा। न तो सफाई के परंपरागत तरीकों में कोई परिवर्तन आया और न ही सफाई कामगारों को मैला ढोने...

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न राजनीति सुधरेगी, न पुलिस --- विभूति नारायण राय

भारतीय पुलिस सेवा में तीन दशकों से अधिक के अपने सफर के दौरान मुझे जिस बात से सबसे अधिक आश्चर्य होता था, वह थी भारतीय जनता के मन मे पुलिस सुधारों को लेकर पसरी हुई उदासीनता। यह देखकर मन उदास हो जाता था कि जिस संस्था से औसत भारतीय नागरिक का सबसे अधिक वास्ता पड़ता है, उसे बेहतर बनाने के लिए किसी तरह का कोई आंदोलन नहीं होता। अधिक से...

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