उस वक्त को गुजरे ज़्यादा दिन नहीं हुए जब भारत के सबसे ग़रीब ज़िलों में बुनियादी सुविधाएं बहुत कम और विरल थीं. ज़्यादातर लोग अपने हालात के भरोसे थे. इनमें से कुछ लोगों को भरे-पूरे प्राकृतिक वातावरण का संग-साथ हासिल था और शायद उनकी जिन्दगी में वह आज़ादी और उत्साह भी था जो आज खो गया है. लेकिन अन्य बहुत से लोग भूख, असुरक्षा और शोषण के साये में रहते थे...
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एमपी के 21 में से सिर्फ 2 सेज चालू हो पाए- शमशेर सिंह
विशेष आर्थिक क्षेत्र यानि सेज के प्रति डेवलपर कंपनियों और निर्यातकों की दिलचस्पी घटने के बाद पिछले मार्च में केंद्र सरकार ने इनके आकार में छूट देने की पहल की। इसके अलावा जमीन के उपयोग में ज्यादा आजादी और ऐसे प्रोजेक्ट से बाहर निकलने के लिए आसान प्रक्रिया बनाई गई थी। लेकिन सरकार ने कोई टैक्स छूट देने से साफ इंकार...
More »बुजुर्गों की बदहाली और पेंशन-परिषद का धरना
एक ऐसे समय में जब महंगाई ऐतिहासिक ऊँचाई छू रही है, यह कयास लगाना मुश्किल नहीं कि बुजुर्गों के लिए जीवन जी पाना सबसे ज्यादा कठिन साबित हो रहा है। पेंशन परिषद द्वारा जारी एक वक्तव्य के अनुसार फिलहाल देश में 60 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्गों को सरकार की तरफ से सामाजिक सुरक्षा के नाम पर 200 रुपये का मासिक वृद्धावस्था पेंशन मिलता है और उम्र की आठ...
More »अब इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट प्रणाली से मिलेगी मनरेगा की राशि
* झारखंड-बिहार में एक जनवरी 2014 से शुरू करने की योजना नयी दिल्ली : मनरेगा के तहत समय पर मजदूरी भुगतान में होनेवाले विलंब से निजात के लिए केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2014 से बिहार-झारखंड में इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट प्रणाली (इएफएमएस) शुरू करने के लिए राज्य सरकारों से अनुरोध किया है. फंड मिलने में होनेवाले विलंब से निजात और जमीनी स्तर पर राशि की उपलब्धता बरकरार रखने के लिए इएफएमएस की...
More »नीति व सुविधा के बिना गहरा रहा एड्स का खतरा- राहुल सिंह
रांची के इटकी प्रखंड इलाके के एक गांव की 60 वर्षीया महिला टीबी से ग्रस्त हैं. दुर्भाग्य से इस महिला को एचआइवी एड्स भी है. पिछले दिनों तबीयत काफी बिगड़ने के बाद उन्हें रांची स्थित रिम्स में इलाज के लिए भरती कराया गया. हालांकि वे फिलहाल ठीक हैं और टीबी और एचआइवी का उनका इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य कर्मी उनके नियमित संपर्क में रहते हैं और अपने क्षेत्र भ्रमण...
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