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नए मंत्रालय पर सालाना आठ करोड़ खर्च पर वहां नहीं जाते मंत्री- अरविन्द पाण्डेय

रायपुर. नया रायपुर का नया मंत्रालय। छत्तीसगढ़ की सरकार इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर हर जगह पेश करने का प्रयास करती है लेकिन उसी मंत्रालय में राज्य के मंत्री बैठने से परहेज करते हैं। राज्य के ज्यादातर मंत्री मंत्रालय में कामकाज निपटाने के बजाय वहां से फाइलें अपने बंगलों में बुला लेते हैं और सरकारी कामकाज निपटाते हैं। मंत्रालय के रखरखाव पर सरकार हर साल आठ करोड़ रुपए...

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नक्सल क्षेत्र के इस सरकारी स्कूल में 365 दिन पढ़ाई, दो शिक्षकों ने किया प्रयास - अनिल मनिकपुरी

अंबागढ़ चौकी. ग्राम मरकाटोला। धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र। राजनांदगांव जिले से करीब 100 किमी दूर। इस गांव में शिक्षा की नई इबादत लिखी जा रही है। वह भी सरकारी स्कूल में। प्राइमरी स्कूल है यहां। दो शिक्षकों ने प्रयास किया। गांव वालों का साथ मिला। स्कूल में पूरे साल पढ़ाई होने लगी। गर्मी और दशहरा-दिवाली की छुट्टियां तो होती हैं, पर इस दिन भी क्लास लगती है। शिक्षक अपने वेतन से हिंदी और...

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पोलावरम परियोजना : डीएफओ की रिपोर्ट ने उड़ाई सरकार की नींद

जगदलपुर(ब्यूरो)। पड़ोसी राज्य तेलंगाना में निर्माणाधीन पोलावरम अंतरराज्यीय बहुउद्देशीय परियोजना के डूबान में आने वाले दक्षिण बस्तर के सुकमा जिले के वनक्षेत्र को लेकर वन विभाग की एक रिपोर्ट ने सरकार की नींद उड़ा दी है। ऐसे समय जब प्रदेश सरकार पोलावरम परियोजना के डूबान से छत्तीसगढ़ को बाहर रखने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रही है, सुकमा वनमंडल ने एक रिपोर्ट जल संसाधन विभाग को भेज...

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स्त्री सशक्तीकरण की शर्तें- विकास नारायण राय

जनसत्ता 16 जून, 2014 : बलात्कार और हत्या पर राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए बदायूं के कटरा सादतगंज गांव में पहुंचने वाले राजनीतिकों को उपेक्षा से नहीं लेना चाहिए। न इस जमात के दूर से ऊलजलूल अर्द्ध-सत्य बोलने वालों को। दरअसल, इन सतही कवायदों में स्त्री-सशक्तीकरण के पैरोकारों के लिए एक निहित संदेश है- स्त्री-विरुद्ध हिंसा के मसलों पर समग्र राजनीतिक एजेंडे की सख्त जरूरत है। मीडिया, एनजीओ और कानून...

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फिर बारिश में खराब होगा करोड़ों का धान, संग्रहण केंद्रों में है 10 लाख क्विंटल धान

बिलासपुर. एक बार फिर बारिश में करोड़ों रुपए का धान सड़कर खराब हो जाएगा। इससे पहले भी जिले के संग्रहण केंद्रों में करोड़ों रुपए का धान खराब हो चुका है, लेकिन मार्कफेड ने इससे सबक नहीं ली है। जिले में बारिश की शुरुआत हो चुकी है लेकिन अभी भी संग्रहण केंद्रों में करीब 10 लाख क्विंटल धान रखा हुआ है। जिले के खरीदी केंद्रों में इस साल अक्टूबर से फरवरी तक 40...

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