SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 6368

कौन हैं वे किसान संगठन जो कृषि क़ानूनों पर मोदी सरकार को दे रहे हैं समर्थन?

-न्यूजलॉन्ड्री,  30 दिसंबर को केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बात होनी थी. ठीक उसके दो दिन पहले 28 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ‘फार्मर्स विथ मोदी’ हैशटैग के साथ ट्वीट करते हुए लिखा, ‘लखनऊ उत्तर प्रदेश के ‘‘राष्ट्रीय युवा वाहिनी’’ से प्राप्त नए कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में प्राप्त पत्र.’ यह पत्र 'राष्ट्रीय युवा वाहिनी' के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष हरीश गौतम द्वारा लिखा गया...

More »

मध्य प्रदेश: छापों की गुगली, कार्रवाई में देरी से घिरे शिवराज

-आउटलुक, आयकर छापों के बाद आई सीबीडीटी की रिपोर्ट कांग्रेस से ज्यादा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के लिए मुसीबत बन गई है। रिपोर्ट आने के बाद शिवराज सिंह पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ओर से हमले हो रहे हैं। रिपोर्ट में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कई समर्थकों के नाम हैं, जो अब भाजपा के विधायक और मंत्री हैं। भाजपा के हलकों में शिवराज सिंह पर उन मंत्रियों से इस्तीफा लेने का दबाव बढ़...

More »

देवी-देवताओं, शाह पर टिप्पणी करने के आरोप में कॉमेडियन गिरफ़्तार

-सत्यहिंदी, मध्य प्रदेश पुलिस ने गुजरात के एक स्टैंडअप कॉमेडियन और चार अन्य लोगों को शनिवार को गिरफ़्तार कर लिया। आरोप है कि इंदौर में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान कॉमेडियन ने हिन्दू देवी-देवताओं और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ख़िलाफ़ अभद्र टिप्पणियाँ कीं। गिरफ़्तार किये गये कॉमेडियन पहले भी देवी-देवताओं पर फूहड़, अभद्र और द्विअर्थी टिप्पणियों को लेकर विवाद में रह चुके हैं। मुनव्वर फ़ारूक़ी पर आरोप गुजरात के जूनागढ़...

More »

सूचना की महामारी, फैक्‍ट-चेक का हैंडवॉश और सत्‍य का लॉकडाउन

-न्यूजलॉन्ड्री, कुछ दिन पहले एक पत्रकार साथी का फोन आया था. वे दिल्‍ली के एक ऐसे शख्‍स की खोज खबर लेने को उत्‍सुक थे जिसे ज्‍यादातर अखबारों और टीवी चैनलों ने 9 अप्रैल, 2020 को मृत घोषित कर दिया था. मरे हुए आदमी को खोजना फिर भी आसान होता है, लेकिन ये काम थोड़ा टेढ़ा था. मित्र के मुताबिक व‍ह व्‍यक्ति जिंदा था. कुछ अखबारों और चैनलों के मुताबिक वह मर...

More »

साहित्य में विद्धता और रसिकता को अलग करके देखने का पूर्वाग्रह व्यापक है

-सत्याग्रह, विद्वत्ता और रसिकता साहित्य में, साहित्य की आलोचना और अध्यापन में विद्वत्ता को अक्सर सूखी और रसिकता को आर्द्र मानने का पूर्वाग्रह व्यापक है. पर ऐसे मुक़ाम, सौभाग्य से हमारे यहां रहे हैं जब विद्वत्ता और रसिकता किसी एक ही व्यक्ति में, लगभग आवयविक रूप से संलग्न, प्रगट हुए हैं. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल आधुनिक आलोचना के परिसर में सबसे पहले हैं. वे अधीत (शिक्षित) विद्वान थे और गहरे रसिक भी. दशकों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close