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जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौतियां - ज्‍योति पारिख

स्थायी विकास पर हुए रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के मसले पर दुनिया के 100 देशों के प्रमुखों ने संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन को स्वीकार किया था, लेकिन आज 23 वर्ष बाद दुनिया एक बार फिर से चौराहे पर खड़ी है कि आगे के कदम किस तरह उठाए जाएं। कई देश चाहते हैं कि सभी देशों की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें एक कानूनी संधि से जोड़ा अथवा...

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एग्री इक्विपमेंट इंडस्‍ट्री पर बारिश ने फेरा पानी, 30 फीसदी तक घट सकती है सेल्‍स

नई दिल्‍ली। फरवरी, मार्च के दौरान हुई बेमौसम बारिश सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं बल्कि एग्री इक्विपमेंट कारोबार के लिए भी बड़ी मुश्किल लेकर आई है। उत्‍तरी और उत्‍तर पश्चिमी भारत में हुई बेमौसम बारिश के बाद खड़ी हुई मुश्किल के चलते इंडस्‍ट्री को इस साल बिक्री में जबर्दस्‍त गिरावट आने की आशंका है। कृषि यंत्र कारोबारियों के अनुसार पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी, राजस्‍थान, उत्‍तराखंड कुल बिक्री में करीब...

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नया रायपुर के 24 गांवों की खेती की जमीन लेगी सरकार

भोलाराम सिन्हा,रायपुर। नया रायपुर के 24 गांवों के किसानों की निजी व कृषि भूमि भी लेने की तैयारी अब राज्य सरकार कर रही है। नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) के माध्यम से किसानों की जमीन की खरीदी या अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। नया रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा आपसी सहमति अथवा नए भू-अर्जन कानून के तहत किसानों की जमीन की खरीदी या अधिग्रहण किया जाएगा। नया रायपुर क्षेत्र में अधोसंरचना विकास...

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कैसे आत्मनिर्भर होंगे ऊर्जा क्षेत्र में- अनुराग दीक्षित

ऊर्जा की उपलब्धता किसी भी मुल्क के विकास के लिए अहम है, लेकिन संसाधनों के सीमित होने के कारण ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल पूरी दुनिया में आज एक बड़ी चुनौती है। भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में तो यह मामला कहीं ज्यादा गंभीर है। अनुमान है कि वर्ष 2035 तक ऊर्जा की मांग के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश होगा! इन्हीं बातों को ध्यान में...

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शक्ल ही भद्दी हो तो आईना क्या करे? - शरद यादव

नैतिकता, स्त्री-पुरुष संबंधों और स्त्री से जुड़े तमाम सवालों को लेकर हमारे सामाजिक और राजनीतिक जीवन में खासकर खाए-अघाए तबके में पाखंड इस कदर हावी है कि वह अपनी तमाम कुंठाओं को तरह-तरह से छुपाता है और सच का या कड़वे सवालों का सामना करने से कतराता और घबराता है। इसलिए 'नईदुनिया" के 18 मार्च के अंक में श्री अमूल्य गांगुली ने मेरी आलोचना करते हुए जो लेख लिखा, उससे...

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