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औसत भारतीय की उम्र में इजाफा- विश्व स्वास्थ्य संगठन

बीते दो दशकों में भारत में आयु-संभाविता बढ़ी है लेकिन इस मामले में भारत अभी चीन, ब्राजील और श्रीलंका से पीछे है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट वर्ल्ड हैल्थ स्टैटिक्स 2014 के तथ्यों के अनुसार साल 1990 से 2012 के बीच भारत में स्त्री-पुरुष दोनों की आयु-संभाविता में बढोत्तरी देखी गई है। इस अवधि में पुरुषों के लिए आयु-संभाविता (जन्म के समय) 57 वर्ष से बढ़कर 66 वर्ष तक पहुंची है जबकि महिलाओं के मामले में 58...

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सेहत का एक मोर्चा जहां पड़ोसी देशों से पिछड़ रहा है भारत !

बीते साल (2013) प्रसव के दौरान दुनिया में 2 लाख 89 हजार माताओं की जान गई जिसमें 50 हजार माताएं अकेले भारत से हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ की नई रिपोर्ट ट्रेन्डस् इन मैटरनल मोर्टालिटी एस्टीमेटस् 1990 टू 2013 के अनुसार यह संख्या प्रसव के दौरान मृत्यु का शिकार होने वाली कुल महिलाओं की संख्या का 17 प्रतिशत है और मातृ-मृत्यु दर के मामले में भारत पड़ोसी बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और चीन से पीछे है।(कृपया रिपोर्ट...

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जैविक खेती का रकबा भारत में घटा, दुनिया में बढ़ा

पूरी दुनिया में जैविक खेती का रकबा बढ़ रहा है लेकिन भारत में जैविक खेती के रकबे में कमी आई  है।इस बात का खुलासा द वर्ल्ड ऑफ आर्गेनिक एग्रीकल्चर- स्टैटिक्स एंड इमर्जिंग ट्रेन्ड्स नामक नई रिपोर्ट में किया गया है। (देखें नीचे दी गई लिंक)   रिपोर्ट के अनुसार साल 2011 से 2012 के बीच भारत में जैविक खेती के रकबे में तकरीबन 5.84 लाख हैक्टेयर(तकरीबन 54 प्रतिशत) की कमी आई है और जैविक खेती के रकबे के मामले में भारत...

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रिन्युएबल एनर्जी को बढ़ावा देने का है वक्त - संजीव कुमार

वैश्विक स्तर पर सरकारें औद्योगिक क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रीन इंडस्ट्रियल पॉलिसी पर काम कर रही है। इसके तहत रिन्युएबल एनर्जी के उत्पादन एवं खपत की दिशा में अधिक जोर दिया जा रहा है। यह ट्रेंड वैश्विक स्तर पर न केवल विकसित बल्कि विकासशील देशों में भी तेजी से अपनाया जा रहा है। इसका मकसद जीवाश्म ईंधन के बढ़ते इस्तेमाल से ग्लोबल वार्मिंग की...

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ग्रामीण नागरिक पर बढ़ रहा है स्वास्थ्य खर्च का बोझ

देश के ग्रामीण इलाके के औसत नागरिक का स्वास्थ्य खर्च औसत शहरी नागरिक के स्वास्थ्य खर्च की तुलना में ज्यादा है। 68 वें दौर की गणना पर आधारित नेशनल सैंपल सर्वे की नवीनतम रिपोर्ट इस तथ्य का खुलासा करती है।   लेवल एंड पैटर्न ऑफ कंज्यूमर एक्सपेंडिचर  2011-12 शीर्षक इस रिपोर्ट के आंकड़ों के विश्लेषण से जाहिर होता है कि एक औसत भारतीय हालांकि प्रति माह औसत ग्रामीण भारतीय की तुलना में...

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