नई दिल्ली। लगातार दूसरे सप्ताह खाद्य मुद्रास्फीति की दर में बढ़ोतरी के साथ ही मूंग की दाल के दाम भी सातवें आसमान पर हैं। इतना ही नहीं यह सबसे महंगी दाल बन गई है। खुदरा बाजार में इस दाल की कीमत महज दो हफ्तों के भीतर 11 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई है। राष्ट्रीय राजधानी में यह फुटकर में 105 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है। जबकि 14...
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फिर भी नहीं गलती दाल
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। जबर्दस्त समर्थन मूल्य और इसका तीन गुना बाजार मूल्य। फिर भी दलहन की खेती में दाल नहीं गल रही है। मांग व आपूर्ति के भारी अंतर कारण होने वाला जबर्दस्त मुनाफा भी किसानों को नहीं लुभा पा रहा है। पिछले पांच सालों में न्यूनतम समर्थन मूल्य [एमएसपी] दोगुना से अधिक बढ़ा है और बाजार मूल्य पांच गुना। लेकिन दलहन खेती के रकबे में मामूली वृद्धि हो पाई...
More »पंजाब पुकारे, आ रे..आ रे..आ रे..
लुधियाना [अरविंद श्रीवास्तव/श्रीधर राजू]। बठिंडा रेलवे स्टेशन। रात साढ़े दस बजे का समय। अवध-असम एक्सप्रेस ट्रेन आकर रुकती है। स्टेशन पर पहले से तैयार जमींदार ट्रेन की ओर लपकते हैं। सिर पर बक्सा और हाथ में थैला लिए उतरते लोगों को वे घेर लेते हैं। कशमकश चलती है कि कौन कितने लोगों को पटाता है। यह नजारा इन दिनों पंजाब में हर स्टेशन पर शुरू हो गया है। ...
More »कपास के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं: मारन
नई दिल्ली। कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन ने बुधवार को कपास के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि वह वित्त मंत्रालय से कपास की कीमतों पर अंकुश के लिए निर्यात शुल्क में वृद्धि के लिए कहेंगे। संप्रग-दो सरकार के एक वर्ष के दौरान कपड़ा मंत्रालय की उपलब्धियों पर पुस्तिका जारी करने के बाद मारन ने संवाददाताओं से कहा कि हम प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन हमें [कपास]...
More »किसान मरे नहीं तो क्या करे--- देविंदर शर्मा
भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर छिड़ी बहस के बीच अमरीका में किसानों को अनुदान दिए जाने के बारे में एक दिलचस्प रिपोर्ट आई. 1997 से 2008 के बीच भारत में करीब दो लाख किसानों ने बढ़ते कर्ज के कारण होने वाले अपमान से बचने के लिए अपनी जान देने का आत्मघाती कदम उठाया. इन किसानों को सरकार से किसी प्रकार की सीधी सहायता नहीं मिली थी. अमरीका ने 1995...
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