नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...
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लापरवाही थी वजह प्रसव के दौरान 18 मौतों की
दिल्ली से आए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के दल ने पूरे संभाग में फैली स्वास्थ्य अव्यवस्थाओं की पोल खोल क र रख दी है। यह दल बडवानी जिले में पिछले एक साल में प्रसव के दौरान हुई 18 मौत की जाच के सिलसिले में आया हुआ था। दल ने पाया कि लापरवाही के चलते महिलाओं की जान गई है। इंदौर से बड़वानी के रास्ते में दल ने ...
More »दयनीय दशा में बच्चे- स्टेट ऑव द वर्ल्ड चिल्ड्रेन 2011
अगर जानना चाहें कि कोई देश प्रगति के किस मुकाम तक पहुंचा है तो पैमाना बनाइए उस परिवेश को जिसमें वहां बच्चे बड़े हो रहे हैं। परिवेश कुपोषण, भुखमरी, अस्वास्थ्यकर अड़ोस-पड़ोस और जबरिया बाल-मजदूरी का हो तो देश को प्रगति के क्रम में बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।द स्टेट ऑव वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट के तथ्यों से पता चलता है कि विश्व के भावी नागरिकों के हक में बड़ा कम निवेश किया जा रहा है।...
More »आइना-ए-योजना आयोग-4: लगता ही नहीं कि मेवात हरियाणा में
नई दिल्ली. चौतरफा आर्थिक विकास की बयार मिलेनियम सिटी गुड़गांव और फरीदाबाद की सीमाओं से सटे होने के बावजूद मेवात तक नहीं पहुंच सकी है। मेवात के हालात से केंद्रीय योजना आयोग खासा चिंतित है। उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर आयोग ने राज्य सरकार को बताया है कि मेवात आज भी शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता व उपयोगिता के मामले में प्रदेश का सर्वाधिक पिछड़ा क्षेत्र है। आयोग के...
More »आम बजट 2011-12: खास-खास बातें
नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था के वैश्विक आर्थिक संकट से पूर्व की स्थिति में पहुंचने का जिक्र करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2011-12 के लिए आम बजट पेश करते हुए भाषण की शुरुआत की। अपने शुरुआती भाषण में मुखर्जी ने कहा, 'हम उच्च विकास और चुनौतियों से भरपूर एक महत्वपूर्ण वर्ष के अंत में है। वर्ष 2010-11 में विकास दर अच्छी रही। अर्थव्यवस्था...
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