छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधनों का अकूत भंडार है, लेकिन ऐसा लगता है कि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को हो रहा है जिन पर मुख्यमंत्री रमन सिंह की कृपादृष्टि है. आशीष खेतान की रिपोर्ट. साल 2011 की बात है. दीवाली का मौका था. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चर्चित अखबार ‘पत्रिका’ के स्थानीय संपादक गिरिराज शर्मा के पास एक विशेष उपहार पहुंचा. राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यालय की तरफ से...
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पीड़ा में पहाड़िया- निराला की रिपोर्ट
झारखंड से लेकर बिहार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा तक फैले पहाड़िया समुदाय के लिए जिंदगी उतनी ही दुश्वार है जितनी सदियों पहले थी. धरती के सबसे पुराने बाशिंदे कहे जाने वाले इन लोगों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. निराला की रिपोर्ट. हम झारखंड के सुंदरपहाड़ी इलाके के पहाड़ों पर हैं. चेबो नाम के एक गांव में, जिस तक उजले भारत की कोई चमक अब तक नहीं पहुंची है, हां, शोषण जरूर उन...
More »ये सब तो होना ही था- रविभूषण
वित्तीय पूंजी के रूप-स्वरूप, चाल-चलन से अपरिचित अनजान व्यक्ति ही आज की राजनीति से किसी सार्थक उम्मीद की आशा कर सकता है. अब राजनीति नव उदारवादी अर्थ व्यवस्था के मातहत है. जिसे ‘शिकागो स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स’ कहा जाता है, वह अमेरिकी अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन की आर्थिक दृष्टि और नीति के बाद ही प्रमुख रूप से अस्तित्व में आया. मिल्टन फ्रीडमैन नव उदारवादी अर्थशास्त्र के प्रमुख प्रणोता हैं. मनमोहन सिंह का अर्थशास्त्र...
More »झटका उपचार का नया दौर- आनंद प्रधान
जनसत्ता 19 सितंबर, 2012: यूपीए सरकार ने एक झटके में ताबड़तोड़ डीजल-रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से लेकर अर्थव्यवस्था के संवेदनशील क्षेत्रों को विदेशी पूंजी के लिए खोलने और सार्वजनिक क्षेत्र की कई कंपनियों के विनिवेश जैसे कई बड़े और विवादास्पद फैसलों का एलान करके संकट में फंसी अर्थव्यवस्था पर ‘झटका उपचार’ (शॉक थेरेपी) को आजमाने की कोशिश की है। यह उपचार भारत में कोई पहली बार नहीं आजमाया जा रहा...
More »अब फैसला राज्यों पर-- ।।कुलदीप नैय्यर।।
देश में आर्थिक सुधारों की झड़ी लगाते हुए मनमोहन सरकार ने खुदरा क्षेत्र में 51 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) और डीजल की कीमत में वृद्धि आदि को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन इसके साथ यह कहते हुए कि एफडीआइ को लागू करने और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को कम करने का फैसला राज्य सरकारें अपने स्तर पर कर सकती हैं, एक तरह की रणनीतिक राजनीतिक भी शुरू कर...
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