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दूध उत्पादन वृद्धि में आंध्र प्रदेश सबसे आगे: एसोचैम

आंध्र प्रदेश में वर्ष 2006 से 2010 पांच वर्षों के दौरान दूध उत्पादन और प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई। प्रदेश में इस दौरान दूध उत्पादन में जहां 41 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई वहीं प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 36 प्रतिशत बढ़ी है। उद्योग संगठन एसोचैम ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि, 11 लाख टन सालाना दूध उत्पादन के साथ कुल उत्पादन के मामले में आंध्र...

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समाजवाद की संभावना थे सुनील- अरुण कुमार त्रिपाठी

सुनील भाई से जब भी मिला, जहां भी मिला उन्हें एक जैसा ही पाया. वे रंग बदलनेवाले और रंग दिखानेवाले समाजवादी नहीं थे. उन्हें देख कर और याद कर मुक्तिबोध की बौद्धिकों पर व्यंग्य में की कही गयी कविता की पंक्तियां पलट कर कहने का मन करता है.  मुक्तिबोध ने आज के बुद्धिजीवियों के लिए कहा था- ‘उदरंभरि अनात्म बन गये, भूतों की शादी में कनात से तन गये, लिया बहुत...

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सामाजिक योजनाओं के भ्रष्टाचार से बड़ी चुनौती हैं कॉरपोरेट घोटाले : ज्यां

ग्रामीण विकास व ग्रामीण योजनाओं पर प्रसिद्ध अथर्शास्त्री ज्यां द्रेज के नजरिये व सोच को जानना महत्वपूर्ण है. वे इन विषयों का बारीक अध्ययन व विेषण करते हैं. बेल्जियम मूल के ज्यां द्रेज भारत में 1979 से रह रहे हैं. 2002 में उन्होंने भारत की नागरिकता ली. वे देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से भी जुडे रहे हैं. मनरेगा, खाद्य सुरक्षा व निचले स्तर के भ्रष्टाचार पर उनकी गहरी समझ है. वे...

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सामाजिक योजनाओं के भ्रष्टाचार से बड़ी चुनौती हैं कॉरपोरेट घोटाले : ज्यां द्रेज

ग्रामीण विकास व ग्रामीण योजनाओं पर प्रसिद्ध अथर्शास्त्री ज्यां द्रेज के नजरिये व सोच को जानना महत्वपूर्ण है. वे इन विषयों का बारीक अध्ययन व विेषण करते हैं. बेल्जियम मूल के ज्यां द्रेज भारत में 1979 से रह रहे हैं. 2002 में उन्होंने भारत की नागरिकता ली. वे देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से भी जुडे रहे हैं. मनरेगा, खाद्य सुरक्षा व निचले स्तर के भ्रष्टाचार पर उनकी गहरी समझ है. वे...

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रिन्युएबल एनर्जी को बढ़ावा देने का है वक्त - संजीव कुमार

वैश्विक स्तर पर सरकारें औद्योगिक क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रीन इंडस्ट्रियल पॉलिसी पर काम कर रही है। इसके तहत रिन्युएबल एनर्जी के उत्पादन एवं खपत की दिशा में अधिक जोर दिया जा रहा है। यह ट्रेंड वैश्विक स्तर पर न केवल विकसित बल्कि विकासशील देशों में भी तेजी से अपनाया जा रहा है। इसका मकसद जीवाश्म ईंधन के बढ़ते इस्तेमाल से ग्लोबल वार्मिंग की...

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