रांची : राज्य के पांच जिलों में आम नागरिकों की सुरक्षा और विधि-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है. इस बात का खुलासा एडीजी लॉ एंड ऑर्डर केएस मीणा की समीक्षा रिपोर्ट से हुआ है. एडीजी ने समीक्षा रिपोर्ट सीआइडी द्वारा सितंबर माह की आपराधिक घटनाओं के आंकड़ों के आधार पर तैयार की है. एडीजी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि सितंबर माह में राज्य के विभिन्न जिलों में 184 हत्याएं...
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भूखे रहने को मजबूर क्यों अन्नदाता? - देविंदर शर्मा
पिछले लगातार तीन वर्षों से गेहूं की खेती करने वाले किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपए प्रति क्विंटल की मामूली बढ़ोतरी पाते रहे हैं। यह गेहूं के किसानों को भुगतान किए जा रहे दामों में तकरीबन 3.6 फीसद की बढ़ोतरी को दर्शाता है। यदि इसकी तुलना सितंबर में केंद्रीय कर्मचारियों को दिए गए 7 फीसद अतिरिक्त महंगाई भत्ता से करें तो पता चलता है कि असंगठित क्षेत्र में किसानों...
More »संकट का तापमान (संपादकीय, जनसत्ता)
संयुक्त राष्ट्र ने एक बार फिर बढ़ते वैश्विक तापमान और उसके संभावित असर को लेकर आगाह किया है। लेकिन इस मसले पर अलग-अलग समय पर हुए वैश्विक सम्मेलनों के अलावा संयुक्त राष्ट्र के स्तर से जितने भी प्रस्ताव पेश किए गए, उनका हासिल किसी से छिपा नहीं है। संयुक्त राष्ट्र की आइपीसीसी यानी जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी समिति की बैठक पेरू के लीमा शहर में अगले महीने होने वाली है,...
More »दलहन और तिलहन के उत्पादन पर हो किसानो का जोर: CACP
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) के रिपोर्ट के मुताबिक किसान अनाज के उत्पादन से दूर जा रहे है और दलहन और तिलहन का उत्पादन ज्यादा कर रहे है। इसकी मुख्य वजह गेहूं के एमएसीपी में लगातार हो रही कम बढोतरी है। जिसके कारण किसानों का मुनाफा घट गया है। सरकार के पास गेहूं का स्टॉक ज्यादा होने से रबी सीजन के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य में सिर्फ...
More »चीनी पर किसानों का पहला हक- वी एम सिंह
उत्तर प्रदेश में गन्ना सबसे बड़ी नकदी फसल है। इससे सीधे तौर पर 50 लाख किसान और उन पर आश्रित करीब दो करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। मैं पिछले 20 वर्षों से गन्ना किसानों के हक में चीनी मिल मालिकों और प्रदेश व केंद्र सरकारों के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ रहा हूं। इस दौरान किसानों के पक्ष में अदालत से बहुत सारे ऐसे अहम फैसले हुए, जिनका तात्कालिक और दूरगामी असर...
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