राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राजस्थान सिंचाई प्रणाली के प्रबंध में कृषकों की सहभागिता नियम-2002 को संशोधित किया है। ये नियम राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से प्रवृत्त होंगे तथा इन नियमों का नाम राजस्थान सिंचाई प्रणाली के प्रबंध में कृषकों की सहभागिता नियम 2010 होगा। अधिसूचना के अनुसार कृषकों की सहभागिता नियम 2002, जिन्हें इसमें इसके पश्चात् उक्त नियमों के रूप में निर्दिष्ट किया गया है, के अध्याय 13 के शीर्षक में विद्यमान...
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100 करोड़ खर्च कर लगेंगे 5000 नलकूप
भुवनेश्वर। राज्य में भूतल जल को सदुपयोग करने के लिए 10 हजार हेक्टर जमीन में जल सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु 5 हजार एलआई प्वाइंट लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अध्यक्षता में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में आज संपृक्त निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार 100 करोड़ रुपया खर्च करेगी। जल सिंचाई सुविधा न होने वाले क्षेत्रों में संपृक्त नलकूप खुदाई के लिए अग्राधिकार दिया जाएगा।...
More »कहीं पेयजल सप्लाई से ही न आ जाए कोई आफत।
आप भी अगर अपना कंठ तर करने के लिए सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग की पेयजल वितरण प्रणाली पर ही निर्भर हैं तो जरा सावधान रहने की जरूरत है। हो सकता है कि किसी असामाजिक तत्व द्वारा आपको होने वाली पेयजल सप्लाई में ऐसी जहरीली चीज मिला दी जाए जो आपके लिए घातक सिद्ध हो। यहां तक कि खुद भी कोई घातक जीव आपकी पेयजल सप्लाई को दूषित कर आपके स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध हो...
More »पंचायतों के हवाले डीजल चालित 1357 नलकूप
पटना राज्य सरकार ने नाबार्ड फेज 8 के तहत गाड़े गए 1357 डीजल चालित राजकीय नलकूपों को पंचायतों को सौंप दिया है। इससे होने वाले पटवन का ब्योरा विभाग को अनुपलब्ध है। लघु जल संसाधन विभाग के अनुसार डीजल चालित होने के कारण पटवन शुल्क अधिक होने के कारण किसान पूर्ण लाभ नहीं उठा रहे हैं। नलकूपों को बिजली उपलब्ध होने पर पटवन शुल्क कम होने की स्थिति में किसानों द्वारा अधिक रकबा में...
More »खेतों के लिए चाहिए 270 सरकारी नलकूप
रुड़की (हरिद्वार)। खेतों की प्यास बुझाने के लिए हरिद्वार जनपद को अभी 270 और सरकारी नलकूप चाहिए। इन नलकूपों का प्रस्ताव नलकूप खंड सिंचाई विभाग से शासन को भेजा जा चुका है, लेकिन पहले चरण में भगवानपुर ब्लाक क्षेत्र में 58 नलकूपों के निर्माण को ही हरी झंडी मिलने के आसार हैं। हरिद्वार जनपद में करीब 38 हजार हेक्टेयर भूमि असिंचित है। हालांकि इस असिंचित क्षेत्र को सींचने के लिए सिंचाई विभाग के पास...
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