कवायद - कपास की कीमतों में आई तेजी पर रोक लगाना मकसद पैदावार में गिरावट कृषि मंत्रालय के अनुसार कपास की पैदावार 338 लाख गांठ होने का अनुमान है पिछले साल पैदावार 352 लाख गांठ की हुई थी चालू फसल सीजन में अभी तक हो चुका है 80 लाख गांठ का निर्यात सीसीआई द्वारा चालू सीजन में 23 लाख गांठ कपास की गई है खरीद खुले बाजार में सरकारी कपास की बिक्री पर फैसला अब केंद्रीय...
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निर्यात मांग बढऩे से कपास के मूल्य में जोरदार बढ़ोतरी- आर एस राणा
विदेश व्यापार - अक्टूबर से अब तक 80 लाख गांठ कॉटन का निर्यात तेजी का आलम अहमदाबाद शंकर-6 34 हजार रुपये से बढ़कर 40 हजार रुपये प्रति कैंडी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में दैनिक आवक घटकर 17,000 गांठ दैनिक आवक गुजरात में 32,000 गांठ और महाराष्ट्र में 22,000 गांठ न्यूयॉर्क में महीने भर में कॉटन 9\' बढ़कर 92.50...
More »विशेष पैकेज की विशेष राजनीति- अरविन्द मोहन
जनसत्ता 19 मार्च, 2013: दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच कर बिहार के लिए विशेष पैकेज की मांग दोहराने से पहले नीतीश कुमार इस नाम पर पर्याप्त राजनीति कर चुके थे। फिर भी एक भारी भीड़ जुटा कर उन्होंने जो भाषण दिया उसकी गूंज राजधानी के राजनीतिक और मीडिया के हलकों में देर तक सुनी जाती रही तो इसकी साफ वजह सिर्फ उनकी होशियारी या सफलता नहीं है। असल में इस आयोजन...
More »नरेंद्र मोदी और व्हार्टन स्कूल ।। अश्वनी कुमार ।।
गुजरात के विवादित मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को व्हार्टन इंडिया इकोनॉमिक फोरम द्वारा यूनिवर्सिटी ऑफ पेनिसिलवेनिया में मुख्य वक्ता के तौर पर आमंत्रित किये जाने पर पूरे विश्व में उदारवादियों और प्रगतिशील लोगों के मन में सवाल उठना जायज है. हिंदुत्व राजनीति के ‘पोस्टर ब्वाय’ को मिला विवादित आमंत्रण वापस लेने से यूनिवर्सिटी ऑफ पेनिसिलवेनिया के संस्थापक और संयुक्त राज्य अमेरिका के निर्माण में अहम भूमिका निभानेवाले बेंजामिन फ्रैंकलिन को अवश्य ही...
More »गंगा जमुना में आंसू जल- पुष्परंजन
जनसत्ता 13 मार्च, 2013: जर्मनी का कोलोन शहर दो कारणों से पूरे यूरोप में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। एक, रोमन कैथलिक चर्च ‘डोम’ के कारण, और दूसरी वजह है राइन नदी। प्राकृतिक सौंदर्य के लिए राइन नदी पूरी दुनिया में बेमिसाल है। दस साल पहले कोलोन शहर में दिल्ली से एक मित्र का आना हुआ। रविवार का दिन था, छुट्टियां मनाने मित्र का परिवार राइन नदी के किनारे निकल...
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