बढ़ती आबादी, औद्योगिकीकरण व अन्य कारणों से घटती जमीन, आर्थिक विकास और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के कारण भारतीय कृषि भारी दबाव में है। यह सच है कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। देश की 52 प्रतिशत श्रमशक्ति कृषि तथा इससे जुड़े क्षेत्रों से ही अपना जीविकोपार्जन कर रही है। फिर भी संकट का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में...
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मध्यस्थों और सरकार पर अन्ना ने साधा निशाना, कहा-अनशन तोड़ना मेरा अपना फैसला
मुम्बई. गांधीवादी और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे अब सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों के माध्यम से अपने समर्थकों से रूबरू होंगे। गांधीवादी ने गुरुवार को जहां अपने नाम से एक ब्लॉग की शुरुआत की वहीं वह फेसबुक और ट्विटर से भी जुड़े। गांधीवादी के इस ब्लॉग का नाम 'अन्ना हजारे सेज' दिया गया है जो अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में उपलब्ध होगा और इसे 'अन्ना हजारेसेज डॉट वर्डप्रेस डॉट कॉम' पर देखा...
More »अपनी त्रासदियों से आजादी के इंतजार में आदिवासी : रामचंद्र गुहा
एक साल पहले तकरीबन इन्हीं दिनों में राहुल गांधी ने ओडिशा में कुछ आदिवासियों से कहा था कि वे दिल्ली में उनकी लड़ाई लड़ेंगे। नियमगिरि के डोंगरिया कोंड आदिवासी बिसार दिए गए और अब राहुल का फोकस यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर नोएडा के जाट किसानों व अन्य समूहों की ओर हो गया है। राहुल गांधी का यह व्यवहार समूचे राजनीतिक वर्ग के चरित्र को प्रदर्शित करता...
More »निर्धनता का विचित्र पैमाना- संजय गुप्त
उच्चतम न्यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खामियां दूर करने के मामले की सुनवाई के सिलसिले में योजना आयोग के इस हलफनामे ने देश को चौंका दिया कि शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 32 और ग्रामीण इलाकों में 26 रुपये खर्च करने वाले लोग गरीबी रेखा से ऊपर माने जाएंगे। इस हलफनामे से योजना आयोग के साथ-साथ केंद्र सरकार की भी फजीहत हुई। इस हलफनामे को लेकर सबने सरकार को कोसा।...
More »महंगी चिकित्सा और मरते गरीब-- भगवती प्रसाद डोभाल
आज के दौर में अलग-अलग रोगों के लिए निजी अस्पतालों की पूरे देश में बाढ़-सी आ गई, पर इनमें इलाज कितना अच्छा हो रहा है, उसकी पड़ताल आवश्यक है। यह भी देखने में आया है कि इन अस्पतालों में इलाज कराना आम जनता के बस की बात नहीं है। दूसरी ओर, सरकारी अस्पतालों की दिनोंदिन खस्ता होती हालत से इलाज के अभाव में गरीब जल्द ही इस दुनिया से विदा...
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