बढ़ती आबादी, औद्योगिकीकरण व अन्य कारणों से घटती जमीन, आर्थिक विकास और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के कारण भारतीय कृषि भारी दबाव में है। यह सच है कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। देश की 52 प्रतिशत श्रमशक्ति कृषि तथा इससे जुड़े क्षेत्रों से ही अपना जीविकोपार्जन कर रही है। फिर भी संकट का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में...
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बिहार से सात गुना अधिक है दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय
नयी दिल्ली/पटना. योजना राज्य मंत्री अश्विनी कुमार ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय बिहार में प्रति व्यक्ति आय से सात गुना अधिक है। प्रश्नकाल के दौरान अश्विनी कुमार ने पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि दिल्ली में वर्ष 2010-11 के दौरान प्रति व्यक्ति आय ।,35,814 रुपए थी जबकि बिहार में प्रति व्यक्ति आय 20,069 रुपए थी। उन्होंने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना के पहले...
More »विकास का सही सूचक-अनिल प्रकाश जोशी
विश्व भर में आज की सबसे बड़ी पर्यावरणीय चर्चा का अहम हिस्सा विकसित एवं विकासशील देशों की बढ़ती सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर पर केंद्रित है। बेहतर जीडीपी का सीधा संबंध उद्योगों की अप्रत्याशित वृद्धि के साथ ही बढ़ती ऊर्जा की खपत से है, जिसका पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ा है। ऐसे विकास का सीधा प्रभाव आदमी की जीवनशैली पर पड़ता है। कार, एसी व अन्य वस्तुएं ऊर्जा की...
More »एडीबी से मध्यप्रदेश को मिलेगा 13.50 अरब रुपए का ऋण
नई दिल्ली. भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने मिलकर मध्यप्रदेश को लगभग 13.50 अरब रुपए (300 मिलियन डॉलर) देने के लिए ऋण मसौदे पर हस्ताक्षर किए। एडीबी की ओर से प्रदेश को यह सहायता तीसरी बार दी जा रही है। जिससे परिवहन के क्षेत्र में राज्य के पश्चिम से पूर्व तक १क्क्क् किलोमीटर के केंद्रीय राजमार्ग को सुधारने में सहयोग मिलेगा। परियोजना समझौते पर एडीबी के भारत आवास मिशन के...
More »विकास रोक देगा यह कालाधन-- अरुण कुमार
आज भारत में लगभग सभी आर्थिक गतिविधियों में अवैध तरीके अपनाये जाते हैं. यह स्थायी और संस्थागत रूप ले चुका है. वर्तमान दशक को घोटालों का दशक कहा जा सकता है. जिन लोगों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उन्होंने बेशर्मी से मामले को अंतिम समय तक दबाने की कोशिश की. चाहे मामला 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन का हो या फ़िर कॉमनवेल्थ घोटाले का. यही वजह है कि सत्ताधारी पार्टियां...
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