विश्वस्तर पर खाद्य-पदार्थ की कीमतों के मामले में मुद्रास्फीति के घटने के रुझान हैं। बहरहाल, आशंका यह है कि भारत के मामले में यह बात लागू ना हो पाये क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिर रही है।एफएओ ने हाल ही में खाद्य-पदार्थों की कीमतों से संबंधित अपना सूचकांक जारी किया है। इससे जाहिर होता है कि जुलाई महीने में भी विश्वस्तर पर कीमतों की मुद्रास्फीति में कमी हुई...
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‘हमारे गांव में हम ही सरकार’- अतुल चौरसिया
महाराष्ट्र के मेढ़ा गांव का उदाहरण बताता है कि स्वाभिमान और स्वावलंबन के साथ आजीविका का अवसर मिले तो नक्सलवाद से जूझते इलाकों में खुशहाली का नया अध्याय शुरू हो सकता है. अतुल चौरसिया की रिपोर्ट. महाराष्ट्र के गढ़चिरोली की सबसे बड़ी पहचान फिलहाल यही है कि यह नक्सल प्रभावित जिला है. आदिवासी और जंगल की बहुलता वाले इस जिले की धनौरा तहसील में एक गांव है मेढा. मेढा और लेखा...
More »छत्तीसगढ़: संकट में उद्योग- प्रियंका कौशल
देश में तेजी से औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहे छत्तीसगढ़ में इन दिनों मिनी स्टील प्लांट की हड़ताल से लोहा उद्योग की रफ्तार पर तो ब्रेक लग ही गया है साथ ही इसके चलते हजारों मजदूरों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है. प्रियंका कौशल की रिपोर्ट. इन दिनों छत्तीसगढ़ में मिनी स्टील प्लांट सरकार से जीवनदान की याचना कर रहे हैं. राज्य सरकार से विशेष राहत...
More »क्या झारखंड के आदिवासियों को खनन रोकने का अधिकार दे दें ?
तवलीन सिंह जानी-मानी पत्रकार हैं. वे समय-समय पर राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक विषयों पर लगातार विभिन्न अखबारों में कॉलम लिखती हैं. हाल ही में उड़ीसा के नियमगिरि में बॉक्साईट खनन को लेकर लंबे समय से चल रहे सघर्ष के बाद जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि ग्राम सभा से बिना पूछे विकास कार्य के लिए जमीन नहीं ली जा सकती को एक ओर जहां लोकतंत्र के...
More »नियमगिरि के हकदार- कमल नयन चौबे
जनसत्ता 2 अगस्त, 2013: नियमगिरि में खनन की इजाजत देने की बाबत सर्वोच्च न्यायालय ने अठारह अप्रैल को दिए अपने फैसले में ग्रामसभा की मंजूरी लेने का आदेश दिया था। इस फैसले और इसके बाद के घटनाक्रम ने जल, जंगल, जमीन पर स्थानीय समुदायों के हक की लड़ाई के कई विरोधाभासों और उपलब्धियों को उजागर किया है। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की मनमानी व्याख्या करते हुए ओड़िशा...
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