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शेयर बाजारों में एफआईआई निवेश सात महीने के निचले स्तर पर

विदेशी निवेशकों ने सितंबर महीने में भारतीय शेयर बाजारों में लगभग 5100 करोड़ रुपये का निवेश किया जो कि सात महीने में सबसे कम है। आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने पिछले महीने 93,493 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे, जबकि 88,391 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। इस तरह से वे 5102 करोड़ रुपये (84.5 करोड़ डॉलर) के शुद्ध लिवाल रहे। विदेशी निवेशकों द्वारा यह इक्विटी बाजार में फरवरी के...

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2022 तक सभी गरीबों को मिलेगा मकान

रांची : केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि वर्ष 2022 तक देश के सभी गरीबों को मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. केंद्र सरकार वर्ष 2022 तक देश भर में करीब तीन करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके अलावा सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय बनाने की भी योजना है, ताकि खुले में शौच की परंपरा समाप्त की सके. सरकार यह व्यवस्था कर रही...

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सामाजिक न्याय का तंग दायरा- जितेंद्र कुमार

जनसत्ता 29 सितंबर, 2014: अगस्त 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करके तब के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जिस सामाजिक न्याय का ताना-बाना बुना था, उसके बिखरने में बस चंद वर्ष लगे थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जनता दल को तोड़ कर अलग हो गए और मंडल के सबसे अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र बिहार में उसके दो प्रतापी नेताओं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार...

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महंगाई पर नजर, विकास पर असर- शंकर अय्यर

हम मुद्रास्फीति को अपनी अर्थव्यवस्था पर असर न डालने देने के बारे में प्रतिबद्ध हैं- सात अगस्त, 1966 हमें मुद्रास्फीति की चुनौती के खिलाफ एकजुटता से और लक्ष्यबद्ध होकर लड़ना होगा- 25 जुलाई, 1974 यह याद रखना होगा कि मुद्रास्फीति गरीब और कमजोर तबके पर करारा वार करती है- 13 जनवरी, 1981 - इंदिरा गांधी मुद्रास्फीति से भारत का युद्ध कभी न खत्म होने वाला धारावाहिक है, जो हर दशक के टेलीविजन स्क्रीन पर...

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क्या गरीबी कभी खत्म हो सकती है?- लार्ड मेघनाद देसाई

लॉर्ड मेघनाद देसाई भारतीय मूल के ब्रिटिश अर्थशास्त्री और लेबर पार्टी से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं. वह अर्थशास्त्र के विश्वविख्यात संस्थान, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर रह चुके हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं. उनके 200 से ज्यादा लेख अकादमिक जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं. वह कई भारतीय व ब्रिटिश अखबारों के लिए नियमित स्तंभ लिखते हैं. 5 सितंबर 2014 को उन्होंने पटना स्थित एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) में...

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