पटना सार्वजनिक पुस्तकालयों में पर्याप्त संख्या में पुस्तकों की खरीद न होने से सूबे में चल रहे साक्षरता अभियान झटका लग सकता है। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में यह समस्या अधिक जटिल होने वाली है जहां नवसाक्षर लोगों को सतत अध्ययन के प्रति प्रेरित करने के लिए किताबें उपलब्ध नहीं होने से वे फिर निरक्षरता के गर्त में गिर सकते हैं। मानव संसाधन विकास विभाग सूत्रों के अनुसार बजट में लाइब्रेरियों के लिए 80...
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हाले-सितम बयान किए और रो पड़े
सिलीगुड़ी [कार्यालय संवाददाता]। बात उन बच्चों की है, जो चाय बागानों से प्रधान नगर स्थित स्कूलों में लाए जा रहे। कई किलोमीटर का सफर और सवारी ट्रैक्टर से लगी डिब्बानुमा जालीदार ट्राली। यानि कि 'जेलगाड़ी'। इस आलम में मासूम बिलबिला रहे। ट्राली के भीतर न बैठने के लिए सीट है, न पकड़ने के लिए हत्था। एक-दूसरे से धक्के खाते बच्चे भीतर गिरते-पड़ते स्कूल पहुंचते हैं। तब तक उनकी हालत मरियल हो चुकी होती है। जाली...
More »नक्लस प्रभावित इलाकों में यूएवी का परीक्षण
कांकेर [छत्तीसगढ़]। देश में नक्सल विरोधी अभियान के लिए पहली बार मानव रहित विमान [यूएवी] का परीक्षण किया गया। अमेरिकी कंपनी के एक यूएवी ने यहां बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में पहाड़ियों और घने जंगल के ऊपर उड़ान भरी। अमेरिकी सेना अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अलकायदा व तालिबान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में इसी तरह के ड्रोन विमान सफलतापूर्वक इस्तेमाल करती रही है। दंतेवाड़ा में 6 अप्रैल को नक्सलियों...
More »नर्मदा की छाती पर एक नया पत्थर
भीष्म जी कहते हैं, ‘‘युधिष्ठिर ! जिन वृक्षों के फल खाने के काम आते हैं, उनको तुम्हारे राज्य में कोई काटने न पावे-इसका ध्यान रखना।’’ - ‘महाभारत-शान्तिपर्व’ जिस समय दिल्ली में सरदार सरोवर बांध की ऊँचाई को 122 मीटर से बढ़ाकर 139 मीटर किए जाने की बैठक चल रही थी, ठीक उसी समय इंदौर के विसर्जन आश्रम में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री सुश्री मेधा पाटकर 11 अप्रैल 2010 से प्रारंभ...
More »आदिवासी अधिकारों का व्यापक उल्लंघन हो रहा है- जनसुनवाई का फैसला
“कहा जाता है कि हम लोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर चुनाव होता है। लेकिन लोकतंत्र का मतलब चुनाव नहीं होता, लोकतंत्र का मतलब होता है देश के फैसलों में जनता की भागीदारी और इस कसौटी पर देखें तो अपने देश में लोकतंत्र नहीं है-‘’सीधे ,सपाट और किसी आंदोलनकारी के मुंह से निकलने का आभास देते शब्द। लेकिन ये शब्द जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के जज पी वी (रिटायर्ड)...
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