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ग्राउंड रिपोर्ट: ‘लॉकडाउन ने हमें बर्बाद कर दिया, स्थिति नहीं बदली तो आत्महत्या करनी पड़ेगी’

-न्यूजलॉन्ड्री, ‘‘10 दिन हो गए हैं काम नहीं मिला. आज भी सुबह सात बजे यहां आ गया था, लेकिन अब दस बज गए. एक-दो घंटे और इंतज़ार करेंगे फिर कमरे पर चले जाएंगे.’’ यह कहना है पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले 22 वर्षीय सुखसागर मंडल का. लॉकडाउन लगने के बाद मंडल आठ दिन पैदल चलकर अपने घर पहुंचे थे. इनसे हमारी मुलाकात नोएडा के हरौला मार्केट स्थित लेबर...

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पवन ऊर्जा ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को 110 मिलियन कारों के धुएं से दी निजात

-जनपथ, क्या आपको पता है एशिया पैसिफिक के जिस क्षेत्र में आप और हम रहते हैं, वहां विंड एनर्जी की मौजूदा उत्पादन क्षमता इतनी है कि अगर उतना बिजली उत्पादन कोयले से हो तो 510 मिलियन टन का कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होगा? जी हाँ, सही पढ़ा आपने। दूसरे शब्दों में कहें तो बिजली उत्पादन के इस विकल्प के प्रयोग से कार्बन डाइऑक्साइड का उतना उत्सर्जन टाला जा सका जितना 110 मिलियन कारें...

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कॉरपोरेट टैक्स दरों को घटाने के बावजूद भी कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए नियमित रूप से टैक्स छूट और प्रोत्साहन जारी

अक्सर यह मुख्यधारा के अर्थशास्त्रियों द्वारा तर्क दिया जाता है कि हर साल केंद्रीय बजट का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाता है क्योंकि सरकार खाद्य और उर्वरक सब्सिडी पर खर्च करती है. पूरे बजट के साथ-साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सापेक्ष इन दोनों सब्सिडी के डेटा का उपयोग अक्सर इस तर्क को बल देने के लिए किया जाता है कि आर्थिक के साथ ही साथ देश की पर्यावरणीय...

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भारत और चीन में सिंचाई के लिए पानी की बढ़ती मांग से गहराएगा भू-जल का संकट : यूएन रिपोर्ट

-डाउन टू अर्थ, एशिया और प्रशांत क्षेत्र दुनिया की 60 फीसदी आबादी का बसेरा है लेकिन इसमें महज 36 फीसदी आबादी के पास ही पानी के संसाधन है। इस क्षेत्र में ताजे पानी की आपूर्ति और अन्य कार्यों के लिए भू-जल पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। वहीं वर्ष 2050 तक भू-जल की निकासी 30 फीसदी तक बढ़ जाएगी। खासतौर से कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए लगातार जल की मांग बढ़ती जा...

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जल संकट: पानी की कमी से जूझ रहे इस गाँव के लोग गर्मियों में नदी किनारे बना लेते हैं बसेरा

-गांव कनेक्शन,  सुबह चार बजे ही गाँव के ज्यादातर लोग पानी के लिए नदी की ओर निकल जाते हैं और जब मई-जून में और ज्यादा गर्मी बढ़ जाती है तो नदी के किनारे ही लोग बसेरा बना लेते हैं। पानी की कमी की वजह से बहुत से लोग गाँव छोड़ कर जा चुके हैं। ये मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले का देवरी माल गाँव है। यहां के जहांगीर धुरवे (32 वर्ष)...

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