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500 से अधिक कार्यकर्ताओं, वकीलों ने सीजेआई को पत्र लिखा- केंद्र से पूछें पेगासस खरीदा या नहीं

-द वायर, प्रख्यात लेखकों, पत्रकारों, वकीलों, शिक्षाविदों और कार्यकर्ताओं सहित 500 से अधिक लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना को पत्र लिखकर मिलिट्री ग्रेड के पेगासस स्पायवेयर के इस्तेमाल से देश के कई नामचीन लोगों के मोबाइल फोन के संभावित सर्विलांस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. द वायर  सहित वैश्विक स्तर पर 17 मीडिया संगठनों ने पेगासस प्रोजेक्ट के नाम से एक श्रृंखला प्रकाशत की. पेगासस...

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भारत के 25 हाईकोर्ट में पुरुष जज 567 तो महिला जज महज 77

-न्यूजलॉन्ड्री, 15 अगस्त 2018 को लाल किले से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘‘यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे देश के सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला जज बैठी हुई हैं. कोई भी भारत की नारी गर्व कर सकती है कि तीन महिला जज न्याय कर रही हैं.’’ उस समय सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस इंदु मल्होत्रा, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस इंदिरा बनर्जी जज थीं. तीन साल बाद...

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बढ़ते मामलों के बीच राजद्रोह क़ानून को संवैधानिक चुनौतियाँ

-न्यूजक्लिक, इस महीने की शुरूआत में सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह क़ानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को सुनने का फ़ैसला लेते हुए केंद्र को नोटिस जारी किया था। आर्मी में रह चुके एस.जी वोंबटकेरे द्वारा दायर की गई इस याचिका में कहा गया था कि भारतीय दंड संहिता(आईपीसी) की धारा 124ए पूरी तरह से असंवैधानिक है। मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट में कई ऐसी याचिकाएँ दायर की जा चुकी हैं...

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रसगुल्ला का टेस्ट लग रहा नमकीन, पोस्ट-कोविड बाद शुगर, बालों का झड़ना जैसी गंभीर समस्या; एक्सपर्ट से जानिए क्या है वजहें

-आउटलुक, कोई आपसे पूछे कि रसगुल्ला का स्वाद कैसा होता है? मीठा,स्वादिष्ट या नमकीन,कड़वा। स्पष्ट है कि आपका उत्तर पहला होगा। लेकिन, रांची की रहने वाली गुड्डू से आप पूछेंगे तो वो कहेंगी- नमकीन, कड़वा। 30 साल की गुड्डू अप्रैल-मई महीने में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमित हो गईं थीं। इस वायरस से उबरने के करीब तीन महीने बाद भी गुड्डू अपने स्वाद को लेकर परेशान हैं। वो आश्चर्य जताते हुए आउटलुक...

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बात बोलेगी: बिगड़ा हुआ है रंग जहान-ए-ख़राब का…

-जनपथ, मौसम पर ये तोहमत लगती है कि एक-सा नहीं रहता। माशूकाएं अपने आशिक पर ये संदेह करती रहती हैं कि ‘मौसम की तरह तुम भी बदल तो न जाओगे’? मौसम अगर थिर हो जाए तो लोगों को फूटी आँख नहीं सुहाता। क्या हो अगर बारिश होती ही रहे, धूप निकली ही रहे और जाड़ा बना ही रहे? लोग ऊब जाते हैं। उकता जाते हैं। मौसम के थिर हो जाने या...

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