SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 647

कोपनहेगन से अमीर मुल्कों को ही आस कम

नई दिल्ली, [प्रणय उपाध्याय]। जलवायु परिवर्तन पर फिक्रमंद दुनिया के अमीर मुल्कों के नेता कुछ नतीजा दे पाएंगे इस पर उनकी अपनी ही जनता को भरोसा कम है। हालाकि भारत, ब्राजील और चीन जैसे विकासशील देशों के लोगों ने धरती की तपन कम करने के उपाय खोजने के लिए हो रही इस बातचीत को लेकर अब भी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। जलवायु परिवर्तन से मुकाबले की तैयारियों को...

More »

2010 में इकॉनमी की रफ्तार होगी@ 6.5%

नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूदा कारोबारी साल में 6.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) ने जीडीपी अनुमान को पहले के 6 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया है। अर्थव्यवस्था पर बुधवार को जारी अनुमान में ईएसी ने कहा है कि मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी छमाही में औद्योगिक क्षेत्र का प्रदर्शन खराब मानसून की भरपाई कर सकता है, जिससे जीडीपी...

More »

पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट

खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...

More »

प्रधानमंत्री ने बोरलॉग के निधन पर शोक जताया

प्रधानमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, "डॉ़ नॉर्मन बोरलॉग के निधन से एक युग का अवसान हो गया है, जिसमें उन्होंने कृषि में वैज्ञानिक क्रांति का सूत्रपात किया। साठ के दशक में जब देश भोजन की गंभीर कमी से जूझ रहा था उस समय डॉ़ बोरलॉग के उच्च उपज वाले बीजों के आने से भारतीय कृषि में प्रौद्योगिकीय क्रांति का पदार्पण हुआ जिससे देश को अनाज के मामले में...

More »

बेशुमार जुगनुओं की जरूरत

दुनिया वित्तीय संकट के भंवर में फंसी है. मगर भारत की हालत फिर भी कई अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर है. क्या है इसकी वजह? कैसा हो आगे का रास्ता? अरूण मायरा का आलेख नियाभर में फैल चुका आर्थिक संकट अमेरिका में घर बनाने के लिए दिए गए बेहिसाब कर्ज के डूबने से शुरू हुआ. वहां के वित्तीय संस्थानों ने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए पहले तो बिना सोचे-समझे कर्ज दिया. इसके बाद...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close