रिकॉर्ड के हिसाब से इस साल सबसे असरदार अल नीनो रहा, बावजूद इसके अगले 1-2 साल तक कृषि जिंसों की कीमतों में ज्यादा तेजी नहीं आएगी। अगले साल का मौसम भारत के अनुकूल रहने के आसार हैं। अल नीनो ने इस साल खासा कहर ढाया। इस वजह से भारत में मानसून कमजोर हुआ और बारिश कम हुई, जबकि मुकम्मल दक्षिण-पूर्व एशिया में खतरनाक सूखे की स्थिति बनी। दुनिया के कई दूसरे...
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दलहन संग तिलहन के भी फिरने लगे दिनः घटेगी उपज, बढ़ेंगे भाव
मौसम विभाग के ताजा अनुमान के मुताबिक औसत मानसूनी बारिश में 13-14 प्रतिशत कमी आई है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे कई राज्यों में सितंबर के दौरान औसत से काफी कम बारिश हुई। अब, जबकि मौसम विभाग के मुताबिक देश से मानसून की बिदाई हो चुकी है, सितंबर में हुई कम बारिश के कारण खरीफ फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। खेतों में खड़ी फसलों में पानी...
More »खेती की सुध कब लेगी सरकार- एम के वेणु
उत्तर और पश्चिमी भारत के किसानों को इस वर्ष के प्रारंभ में तब भारी संकट का सामना करना पड़ा था, जब बेमौसम बरसात के कारण उनकी रबी की पकी फसलें खेतों में बर्बाद हो गई थीं। उस भयावह अनुभव के बाद (जिसने दस एकड़ से कम कृषि भूमि वाले छोटे और मंझोले किसानों की आर्थिक हालात को काफी प्रभावित किया था) अब हम पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्से,...
More »छत्तीसगढ़ में सूखती फसलों को भादो में मिली संजीवनी
रायपुर। भादो मास में हो रही लगातार बारिश से छत्तीसग़ढ़ की खेती-किसानी संभलने लगी है। एक ओर सूखती फसलों के लिए ये बारिश संजीवनी का काम कर रही है, वहीं रबी की फसलों के लिए भी ये जमीन तैयार कर रही है। खेती के जानकारों का कहना है कि लंबी अवधि की फसलों के लिए यह पानी फायदेमंद है। पिछले चार दिनों की बारिश से राज्य के जलाशयों में पानी भर...
More »बीमार स्वास्थ्य सेवा कब सुधरेगी?-- तवलीन सिंह
हर वर्ष बरसात के खत्म होते ही डेंगू का प्रकोप शुरू हो जाता है। हर वर्ष इस मौसम में दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में लोगों के डेंगू से पीड़ित होने की खबरें मिलती हैं। हर वर्ष हमारी सरकारें वही रवैया अपनाती हैं, जो दशकों से जारी है। अस्पतालों की लापरवाही को लेकर चिंता व्यक्त की जाती है। फिर मौसम बदल जाता है, डेंगू के मरीज कम हो जाते हैं, और...
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