इतिहासकार बताते हैं कि अंग्रेजीराज के समय देश के पूर्वोत्तर के चाय-बागानों में काम करने वाले मजदूर बड़ी दीन-दशा में थे, तकरीबन बंधुआ मजदूर की दशा में। आजादी के बाद, इनकी दशा कुछ सुधरी। गुजरे कुछ दशकों में देश के चाय-उद्योग ने उन सालों में भी मुनाफा कमाया जिन सालों को आर्थिक-प्रगति के लिहाज से बेहतर नहीं माना जाता। ठीक इसी कारण, असम के चाय-बागानों से आने वाली भुखमरी की...
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इस बार गेंहूं की होगी बंपर पैदेवार, फिर भी नहीं मिलेगी खुशी
भोपाल। रायसेन जिले के बिसनखेड़ा गांव से सटा बूचा सिंह का खेत। उसमें लहलहाती गेहूं की फसल। इस किसान के चेहरे से खुशी साफ झलक रही है। उसकी मेहनत और मौसम की मेहरबानी का नतीजा है कि इस साल उसे अपने खेत से 40 बोरी तक गेहूं मिल जाएगा जो पिछले साल से करीब डेढ़ गुना ज्यादा होगा। यह स्थिति बूचा सिंह तक सीमित नहीं है। इस साल प्रदेश में गेहूं का रिकार्डतोड़...
More »खाद्य सुरक्षा की खातिर - सुभाष वर्मा
जनसत्ता 5 जनवरी, 2012: पूरी दुनिया में एक सौ पचीस करोड़ से अधिक लोग भूख से त्रस्त हैं, जिनमें से एक तिहाई लोग भारत के गरीब हैं। नवीनतम वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का स्थान बहुत नीचे, इक्यासी देशों के बीच सड़सठवां है। इसलिए यह स्वागत-योग्य है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाला विधेयक संसद में पेश किया है। इस विधेयक में ग्रामीण इलाकों की पचहत्तर फीसद और...
More »कृषि पर खर्च होंगे डेढ़ लाख करोड़
पटना : सूबे में कृषि के विकास पर 2012 से 2017 तक एक लाख 52 हजार 511 करोड़ रुपये खर्च होंगे. मंगलवार को कृषि कैबिनेट की पांचवीं बैठक में कृषि रोड मैप के एजेंडे और खर्च होनेवाली राशि तय की गयी. पांच वर्षो में 60 हजार करोड़ अतिरिक्त खर्च करने की सहमति बनी. साथ ही कृषि कैबिनेट में शिक्षा विभाग को भी शामिल कर लिया गया है. उच्च व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों...
More »पांच वर्षो में दोगुनी होगी पैदावार
पटना : पांच वर्षो में बिहार में खरीफ और रबी फसलों का उत्पादन दोगुना होगा. साथ ही राष्ट्रीय औसत से अनाज उत्पादन अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है. धान, गेहूं, दलहन, तिलहन और मक्का सहित सभी प्रकार के अनाज और सब्जी उत्पादन में न सिर्फ आत्मनिर्भरता हासिल होगी, बल्कि निर्यात भी किया जा सकेगा. शुरू होंगी नयी योजनाएं उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य में कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. कृषि...
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