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ग्रामीण भारत में गरीबों की तादाद आधिकारिक आकलन से ज्यादा

यह बात अब आधिकारिक सूचना में आ चुकी है कि भारत में गरीबी पहले के अनुमानों से कहीं ज्यादा है। इस माह की 9 तारीख को सौंपी गई सुरेश तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गरीबी 37 फीसदी(2004-05) है ना कि 28 फीसदी, जैसा कि पहले के आकलनों में माना जाता रहा है।यदि तेंदुलकर समिति के आकलन में खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई मौजूदा बढ़ोतरी को जोड़ दें...

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कितना भूखा है मध्यप्रदेश: शिरीष खरे

झाबुआ, मध्यप्रदेश: कुपोषण ने दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को निगला है- यह हाल आदिवासी जिले झाबुआ का है, जहां मेघनगर ब्लाक के अगासिया और मदारानी गांवों में बच्चों की मौत का सिलसिला है कि टूटता ही नहीं। फिलहाल पूरा मध्यप्रदेश ही इतना भूखा है कि यहां न जाने क्यों भूख का नामोनिशान है कि मिटता ही नहीं ?केवल अक्टूबर में ही झाबुआ के इन 2 गांवों से 25 बच्चों...

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गांवों में भी समय दें डॉक्टर : प्रतिभा पाटिल

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने युवा डाक्टरों से अपील की है कि वे अपने चिकित्सकीय जीवन का कुछ समय दूरदराज के क्षेत्रों व ग्रामीण इलाकों में दें, ताकि वहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ लाभ मिल सके। सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित 37वें दीक्षांत समारोह के दौरान राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा कि इससे न केवल डॉक्टरों को राष्ट्रसेवा का सुख मिलेगा बल्कि...

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गांव-गांव में संभव होगा कैंसर का इलाज

कोलकाता। बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए अब कोलकाता समेत दूसरे शहरों का रुख नहीं करना होगा। उनके आसपास ही इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्य के विभिन्न जिलों में टेलीमेडिसीन सेंटर खोलने जा रहा है। 'टेल ओंक -कैंसर केयर फार रुरल मासेज' नामक इस महत्वपूर्ण परियोजना को राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम के तहत महानगर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र...

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एक चिठ्ठी बस्तर की व्यथा की......

छत्तीसगढ़  के तृणमूल स्तर के कई कार्यकर्ताओ ने देश के जनपक्षी धड़ों के लिए एक टिप्पणी जारी की है। इस टिप्पणी में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों और आदिवासियों के बीच जारी संघर्ष को विराम देने की अपील की गई है।छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से संबद्ध सुधा भारद्वाज का तर्क है कि विद्रोह को दबाने के नाम पर छत्तीसगढ़ में नरसंहार की आशंका बलवती हो गई है और इसे रोकने के लिए...

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