नई दिल्ली, 14 फरवरी (एजेंसी) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि बाजार के मौजूदा नियामकीय ढांचे की समीक्षा की जरूरत है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं वह श्रम कल्याण में बिना किसी वास्तविक योगदान के विकास, रोजगार वृद्धि तथा उद्योगों की राह में आड़े तो नहीं आ रहा है। सिंह ने कहा, ‘‘ हालांकि हमारी सरकार अपने कर्मचारियोंं के हितों की रक्षा को लेकर प्रति प्रतिबद्ध...
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सदिच्छा का सत्यानाश- इर्शादुल हक
सैकड़ों करोड़ रु की जिस रकम से बिहार के स्कूलों की तस्वीर बदल सकती थी उसका ज्यादातर हिस्सा भ्रष्टाचारियों की जेब में चला गया. इर्शादुल हक की पड़ताल सत्ता के शीर्ष से चले अच्छे इरादों का जमीन तक पहुंचते-पहुंचते किस तरह बंटाधार हो जाता है, इसका उदाहरण है यह घोटाला. इससे यह भी साफ होता है कि योजनाएं कितनी भी अच्छी बन जाएं, जब तक उन्हें अमली जामा पहनाने वाले तंत्र...
More »असमानता की खाई पाटने का अवसर : हर्ष मंदर
खाद्य सुरक्षा विधेयक में भारत के लाखों गरीबों और वंचितों की नियति बदलकर रख देने की क्षमता है। दो साल चली बहस के बाद केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी। खबरों से पता चला है कि प्रस्तावित कानून के संबंध में स्वयं कैबिनेट मंत्रियों की धारणाएं अलग-अलग थीं। इस पर हुई बहस में भारत में व्याप्त असमानता की संस्कृति की झलक भी मिली। यह भी पता चला कि इस कारण...
More »गुजरात में बाल अधिकार की ‘खराब स्थिति’ पर जन सुनवाई करेगा एनसीपीसीआर
नई दिल्ली, 9 जनवरी (एजेंसी)। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर)गुजरात में बाल अधिकार की कथित खराब स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए राज्य में इस महीने के आखिर में जन सुनवाई करने जा रहा है। एनसीपीसीआर का कहना है कि गुजरात में बीटी कॉटन के खेतों में बड़ी संख्या में बाल श्रमिक काम कर रहे हैं और दूसरे राज्यों में भी बाल श्रमिकों का पलायन हो रहा है, लेकिन राज्य...
More »असमानता की खाई पाटने का अवसर : हर्ष मंदर
खाद्य सुरक्षा विधेयक में भारत के लाखों गरीबों और वंचितों की नियति बदलकर रख देने की क्षमता है। दो साल चली बहस के बाद केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी। खबरों से पता चला है कि प्रस्तावित कानून के संबंध में स्वयं कैबिनेट मंत्रियों की धारणाएं अलग-अलग थीं। इस पर हुई बहस में भारत में व्याप्त असमानता की संस्कृति की झलक भी मिली। यह भी पता चला कि इस कारण...
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