मुंबई। महिलाओं के बारों में रात 9:30 बजे के बाद काम करने पर पाबंदी संबंधी एक कानून के औचित्य पर सवाल उठाते हुए बंबई हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यह कैसा कानून है? क्या हम नाजी जर्मनी में रह रहे हैं? बंबई दुकान एवं प्रतिष्ठान कानून 1948 को महिला संगठनों और होटल एवं रेस्तरां ऐसोसिएशन [आईएचएआर] ने चुनौती देते हुए इसे भेदभावपूर्ण बताया था। याचिका में कहा गया था कि पांच तारा होटलों...
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अपीलों के बोझ से दब जाएगा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। देश में निचली अदालतों से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक लंबित मुकदमों के बढ़ते अंबार से हर तरफ चिंता है। हालात कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा खुद सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से लगाया जा सकता है। विशेष अनुमति याचिकाओं की बढ़ती संख्या पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर इसी तरह हर याचिकाओं को स्वीकार किया जाता रहा तो एक दिन खुद सुप्रीम कोर्ट इनके बोझ से दब जाएगा।...
More »नीलगायों से फसल की बर्बादी पर केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस
पटना पूर्वी चंपारण के वन पदाधिकारियों की माने तो वहां नीलगाय प्रतिवर्ष 626 करोड़ की फसल को बर्बाद कर रहे हैं। नीलगायों के प्रकोप से डेढ़ सौ लाख हेक्टेयर फसल चौपट हो रही है मगर राज्य सरकार का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। एक लोकहित याचिका में उठाये गये इस गंभीर समस्या को देखते हुए पटना उच्च न्यायालय ने बुधवार को केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। दोनों को दो महीने...
More »क्या यह बैंगन जहरीला है?
नई दिल्ली/भोपाल. एक सप्ताह के अंदर ही केंद्र सरकार को फैसला लेना है कि बीटी बैंगन जैसी जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) फसलों (जिनकी जीन संरचना में बदलाव किया गया है) की देश में खेती की अनुमति देनी है या नहीं। इस फैसले से जहां एक ओर उपज में बढ़ोतरी से किसानों को फायदा होने की उम्मीद है, वहीं जीएम खाद्य पदार्थो से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने की आशंका भी जताई जा रही है। क्या तेजी से...
More »वरदान या अभिशाप- बहस बीटी बैंगन की
ट्वीटर जैसे सोशल नेटवर्क पर अब बहस बैंगन पर आ टिकी हैं और ग्रीन पीस इंडिया जैसे संगठन ने आनुवांशिक रुप से परिवर्धित फसलों के खिलाफ जनमत बनाने के लिए सचमुच दुनिया का सबसे नायाब बैंगन का भर्ता बनाने की ठान ली है।बीटी बैंगन के खिलाफ बहस की आंच तेज हो रही है और बैंगन का सवाल अचानक आनुवांशिक रुप से परिशोधित फसलों की जमीन तैयार करने या फिर उनकी...
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