नई दिल्ली छह से चौदह साल तक के बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य पढ़ाई का कानूनी इंतजाम करने के बाद अब उसके आगे की राह भी आसान करने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। केंद्र सरकार अब माध्यमिक स्तर (कक्षा नौ व दस) के छात्रों को भी मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा दिलाने का मन बना चुकी है। देर है तो बस राज्य सरकारों की रजामंदी की। राज्यों ने हामी भरी तो...
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' हमारी 108 ने दुनिया के सारे रिकार्ड तोड़े हैं '
नित्यानंद स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी और भुवन चंद्र खंडूड़ी के बाद डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री हैं. पिछले 10 सालों में ‘राज्य की दशा और दिशा’ पर उन्होंने मनोज रावत से बात की अलग राज्य बनने के बाद दस वर्षों का क्या अनुभव है? मैं सोचता हूं कि इन वर्षों को राज्य के सुखद और आशाओं से भरे समय के रूप में देखा जा सकता...
More »कानकुन समझौताः डूबते को तिनका
स्पेनी में एक कहावत है, ‘माल कैसा भी हो हांक हमेशा ऊंची लगानी चाहिए।’ मैक्सिको के कानकुन शहर में हुए जलवायु सम्मेलन से लौट रहे 194 देशों के मंत्री शायद इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए सम्मेलन में हुए समझौतों की तारीफ़ कर रहे हैं। सम्मेलन के मेज़बान मैक्सिको के राष्ट्रपति फ़िलीपे काल्डिरोन ने कहा कि इस सम्मेलन ने विश्व के नेताओं के लिए धरती को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के...
More »खरे उतरे जलवायु वैज्ञानिकों के निष्कर्ष
इंग्लैंड के ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय की जलवायु परिवर्तन शोध इकाई के निष्कर्षों की स्वतंत्र समीक्षा करने वाली समिति का कहना है कि जलवायु वैज्ञानिकों ने पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ काम किया है। समीक्षा समिति का कहना है कि “वैज्ञानिकों के निष्कर्षों में कोई त्रुटि नहीं है लेकिन उन्होंने अपने काम की पूरी जानकारी देने में कोताही बरती है और निष्कर्षों का बचाव करने की कोशिश की है।” कोपनहेगन के...
More »अलख जगाती एक यात्रा-- मेधा
११ दिसंबर दिन शनिवार का है। बापू की समाधि राजघाट पर जनमेला लगा है। देश भर से लोग अपनी रंगत, अपने लिबास, अपनी भाषा में विविधता संजोए आए हैं। कुछ है जो रंग-बिरंगी विविधता से भरे इन लोगों के मन को एकरस बना रहा है। सब के दिलों में एक ही तमन्ना धड़क रही है। और वह तमन्ना है - शस्य श्यामला ध्रती की उर्वरा-शक्ति, उसकी जीवंतता को बचाने की,...
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