-न्यूजलॉन्ड्री, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कर्दमपुरी इलाके में एक किराए के कमरे में 34 वर्षीय साजिद खान अपनी बीमार पत्नी और तीन साल की अपाहिज बेटी के साथ रहते हैं. संकरी सीढ़ियों से गुजरते हुए हम उनके कमरे में पहुंचे तो उनकी पत्नी एक कोने में बैठकर सिलाई का काम कर रही थीं. दंगे के दौरान गोली लगने के बाद साजिद को डॉक्टर ने मेहनत का काम करने से मना कर दिया...
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हरियाणा: रकबा और पैदावार बढ़ने के बाद भी घटी कृषि विकास दर
-डाउन टू अर्थ, बेशक हरियाणा में खेती का रकबा बढ़ रहा है और फसलों का उत्पादन भी बढ़ रहा है, बावजूद इसके पिछले कई सालों से कृषि विकास दर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। 12 मार्च को हरियाणा विधानसभा में प्रस्तुत किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि आमदनी के मुकाबले लागत में अधिक वृद्धि की वजह से ऐसा हो...
More »राजद्रोह: जुबान बंद रखो, वरना...
-आउटलुक, “राजद्रोह कानून का दुरुपयोग चिंताजनक हद तक बढ़ा” तानाशाही और लोकलुभावनवाद का जोर जिस दौर में स्थापित लोकतंत्रों में भी बढ़ रहा है, राजद्रोह का कानून सरकार का पसंदीदा औजार बन गया है। भारत में पहले भी कई सरकारें राजनैतिक वजहों से राजद्रोह कानून का इस्तेमाल करती रही हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से असहमति को गैर-कानूनी साबित करने के लिए इसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग भारी चिंताजनक है। इसे लोकतंत्र...
More »आर्थिक उद्देश्य संविधान के विजन से अलग नहीं हो सकते : तलोजा जेल से आनंद तेलतुंबड़े
-कारवां, सार्वजनिक सेक्टर के उद्यमों का निजीकरण करने की मोदी सरकार की योजना पर जारी बहस से कुछ हद तक पुरानी बहसों की याद आती है. सरकार के समर्थन में निजीकरण की पैरवी करने वाले लोग दलील दे रहे हैं कि निजीकरण हमेशा ही सार्वजनिक सेक्टर के लिए कारगर रहा है. वे नहीं जानते लेकिन इस दलील का तार्किक विस्तार करें तो यह बेतुका लेकिन जायज सवाल भी किया जा सकता है...
More »जैविक सब्जियों की खेती -बाबा मायाराम
“मैं अपनी छत पर सब्जियों की खेती करता हूं। गमले में या पुराने टूटे -फूटे टीन के डिब्बों में हरी सब्जियां लगाता हूं। पालक, मैथी, बैंगन, टमाटर, ककड़ी, लौकी, गिलकी, भिंडी लगी है। इससे हमारे परिवार को पूरे हफ्ते हरी ताजी सब्जियां मिलती हैं।” यह रोहना गांव के राजेश सामले थे, जो मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में रहते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सामले होशंगाबाद जिले की सबसे पुरानी गांधीवादी संस्था ग्राम सेवा...
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