-सत्यहिंदी, अशोक विश्वविद्यालय में एक के बाद एक प्रोफेसरों के इस्तीफे से सवाल उठ रहे हैं कि क्या देश के विश्वविद्यालय किसी राजनीतिक दबाव में हैं? यह सवाल तब भी उठे जब राजनीतिक विश्लेषक व लेखक प्रताप भानु मेहता ने इस्तीफा दिया और तब भी जब इसके बाद मशहूर अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यन ने भी विश्वविद्यालय से इस्तीफ़ा दे दिया। अब प्रताप भानु मेहता का वह इस्तीफ़े वाला पत्र सामने आया है...
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आर्थिक उद्देश्य संविधान के विजन से अलग नहीं हो सकते : तलोजा जेल से आनंद तेलतुंबड़े
-कारवां, सार्वजनिक सेक्टर के उद्यमों का निजीकरण करने की मोदी सरकार की योजना पर जारी बहस से कुछ हद तक पुरानी बहसों की याद आती है. सरकार के समर्थन में निजीकरण की पैरवी करने वाले लोग दलील दे रहे हैं कि निजीकरण हमेशा ही सार्वजनिक सेक्टर के लिए कारगर रहा है. वे नहीं जानते लेकिन इस दलील का तार्किक विस्तार करें तो यह बेतुका लेकिन जायज सवाल भी किया जा सकता है...
More »कौशिक बसु के साथ राहुल गांधी की बातचीत में जो अनकहा रह गया, उसे भी समझें
-जनपथ, राहुल गांधी के लिए ज़रूरी कर दिया गया था कि देश की वर्तमान हालत पर कोई भी नई टिप्पणी करने या पुरानी को दोहराने से पहले वे उस घोषित ‘इमरजेंसी’ को सार्वजनिक रूप से ज़लील करें जिसे इंदिरा गांधी ने कोई साढ़े चार दशक पूर्व देश पर थोपा था। राहुल गांधी ने सभी अपने-पराये विपक्षियों को भौचक्क करते हुए ऐसा करके दिखा भी दिया। ज्ञातव्य है कि राहुल बार-बार आरोप लगा...
More »पड़ताल: एमएसपी पर सरकार बनाम किसान, कौन किस सीमा तक सही?
-न्यूजक्लिक, नए कृषि क़ानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के मोर्चे पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर किसान और सरकार आमने-सामने हैं। एमएसपी के निर्धारण और उसके आधार पर फ़सलों को ख़रीदने की सुनिश्चितता को लेकर इन दिनों एक लंबी बहस चल रही है। लेकिन, इस पूरी बहस के परिपेक्ष्य में कई ऐसे बिंदू छूट रहे हैं जिन पर किसानों को संदेह बढ़ता जा रहा है और इसलिए वे...
More »निजीकरण के लिए बैंक ऑफ इंडिया जैसे चार बैंकों का चयन: रिपोर्ट
-द वायर, केंद्र सरकार ने मध्यम आकार के सरकार संचालित चार बैंकों का निजीकरण करने के लिए चयन किया है. तीन सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. सरकार का यह कदम उसकी उस बड़ी योजना का हिस्सा है जिसके तहत वह सरकारी संपत्तियों को बेचकर राजस्व बढ़ाने की तैयारी कर रही है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, सरकार की भारी-भरकम हिस्सेदारी वाले इन बैंकों में सैंकड़ों-हजारों कर्मचारी काम करते हैं और बैंकिंग सेक्टर...
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