ऊर्जा की उपलब्धता किसी भी मुल्क के विकास के लिए अहम है, लेकिन संसाधनों के सीमित होने के कारण ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल पूरी दुनिया में आज एक बड़ी चुनौती है। भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में तो यह मामला कहीं ज्यादा गंभीर है। अनुमान है कि वर्ष 2035 तक ऊर्जा की मांग के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश होगा! इन्हीं बातों को ध्यान में...
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तिल का ताड़ बना रहे अमर्त्य सेन- पुष्पेश पंत
नो बेल पुरस्कार विजेता भारत रत्न अमर्त्य सेन विश्वविख्यात हस्ती हैं. जब से उन्होंने इस खुलासे के साथ नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति से इस्तीफा दिया है कि मौजूदा सरकार उन्हें इस पद पर नहीं देखना चाहती, तब से एक नयी बहस गरमाने लगी है. सेन ने यह तोहमत भी लगाई है कि देश में शिक्षा का स्तर गिर रहा है और मोदी सरकार शैक्षिक संस्थाओं की स्वायत्तता नष्ट...
More »फिर से भारत उदय- सुनील भारती मित्तल
भारत में उम्मीद की एक ताजा हवा बह रही है। नई सरकार, जिसे देश ने निर्णायक जनादेश दिया, तेजी से देश के विकास एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। पिछले बारह महीनों में घटनाक्रम में जो बदलाव आया है, उसने राष्ट्रीय मानस का निर्माण किया है। जो वैश्विक निवेशक पहले भारत के बारे में सवाल उठा रहे थे, वे अब देश में विकास संभावनाओं में सुधार की बातें कर रहे...
More »खर्च घटाकर विकास- परंजय गुहाठाकुरता
लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ जीत हासिल कर नरेंद्र मोदी सरकार जब सत्ता में आई, तो लोगों को काफी उम्मीदें थीं। नरेंद्र मोदी ने लोगों से प्रभावी शासन का वायदा किया था, लेकिन सात महीने के शासन के बाद भी सरकार के कई मंत्रालयों की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। अगर सरकार के मिड ईयर इकोनोमिक एनलिसिस को देखें, तो पता चलता है कि कई...
More »कठिन चुनौतियां और नीति आयोग- वाई के अलघ
अरविंद पनगढ़िया को उपाध्यक्ष मनोनीत किए जाने के साथ ही नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिग इंडिया) को लेकर जारी कई अटकलों को विराम मिल गया है, लेकिन इस आयोग को लेकर कई उत्सुकताएं अब भी लोगों के दिमाग में बनी हुई हैं। दरअसल, केंद्र में आई नई सरकार ने 24 अगस्त को 20 विशेषज्ञों को बुलाकर उनसे यह सवाल पूछा था कि मौजूदा योजना आयोग...
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