केंद्र सरकार ने एक बार फिर से कोलेजियम सिस्टम को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस सिस्टम ने महिलाओं के साथ अनदेखी की। सरकार ने कहा कि कोलेजियम द्वारा बहुत कम संख्या में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में महिला जजों की नियुक्ति हुई। सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के जरिए उच्चतर अदालतों में महिला जजों की नियुक्ति भी पर्याप्त संख्या में होगी। अब तक जो...
More »SEARCH RESULT
न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों के लिए कितना मददगार ?
अगर आप मानते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य देश के ज्यादातर किसानों को उपज का लाभकर मूल्य दिलाने में कारगर है तो आप गलत सोच रहे हैं। अगर विश्वास ना हो तो नीचे राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की नई रिपोर्ट के इन तथ्यों पर गौर कीजिए।(देखें नीचे दी गई रिपोर्ट) साल 2012 के जुलाई महीने से दिसंबर महीने के बीच देश के किसान प्रति क्विंटल धान में से महज 17 किलो सहकारी या...
More »आरक्षण और सामाजिक न्याय में बढ़ती दूरी- जितिन प्रसाद
पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के 16 ब्लॉक डेवलेपमेंट अधिकारियों (बीडीओ) में से 12 आरक्षित वर्ग (एससी और ओबीसी) से आते हैं। गौरतलब है कि इनमें से पांच एक ही जाति से हैं, और केवल चार सामान्य वर्ग से हैं। इसी तरह, यहां के 18 थानेदारों (एसएचओ) में से नौ सामान्य वर्ग और नौ आरक्षित वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। मगर हैरत की बात है कि आरक्षित वर्ग के...
More »ग्रामीण इलाकों में एससी-एसटी के एक चौथाई परिवार निरक्षर
देश के ग्रामीण इलाके में अनुसूचित जाति और जनजाति के तकरीबन एक चौथाई परिवार निरक्षर हैं। ग्रामीण इलाके के अन्य परिवारों की तुलना में यह संख्या लगभग डेढ़ से दो गुनी ज्यादा है।(देखें नीचे दी गई लिंक) देश के अलग-अलग सामाजिक वर्गों के बीच मौजूद रोजगार और बेरोजगारी की स्थिति पर केंद्रित एनएसएसओ की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के ग्रामीण इलाके में 26.6 प्रतिशत एसटी एवं 23...
More »आरक्षण का आधार- संपादकीय(जनसत्ता)
सर्वोच्च न्यायालय ने जाट समुदाय को केंद्रीय सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़े वर्ग के तहत दिए गए आरक्षण की अधिसूचना रद्द कर दी। न्यायालय का यह फैसला राजनीतिक दलों के लिए एक सबक है, जो सियासी गरज से आरक्षण की नई-नई मांगों को हवा देते रहते हैं। इस क्रम में वे कई बार यह देखना भी गवारा नहीं करते कि कोई समुदाय आरक्षण का हकदार है या नहीं। जाटों...
More »