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पहला हक बिहार का है- मोहन गुरुस्वामी

मारी संसद इस सत्र में भी नहीं चल सकी. इस बार इसकी वजह यह मांग रही कि विभाजन के बाद के शेष बचे आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिया जाये. बिहार के लिए भी काफी दिनों से ऐसी ही मांग की जा रही है, जिसकी स्थिति आंध्र प्रदेश से बहुत भिन्न है.   किसी राज्य को विशेष दर्जा देने की अवधारणा देश के विभिन्न क्षेत्रों के बीच समानता लाने के लिए...

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बाजार पर वर्चस्व की जंग-- निरंकार सिंह

अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक वस्तुओं पर लगने वाले आयात कर को लेकर टकराव जारी है। अमेरिका का तर्क है कि चीनी सामानों के आयात से उसका व्यापारिक घाटा बहुत बढ़ गया है। अमेरिका ने जहां चीनी सामानों पर आयात कर बढ़ा दिया, वहीं चीन ने अमेरिका से आने वाले सामान पर आयात कर बढ़ा दिया है। दरअसल, जंग अब सिर्फ देशों की सीमाओं पर नहीं होती; वैश्वीकरण की...

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रेटिंग एजेंसियों का कारोबार-- वरुण गांधी

किसी व्यक्ति, संस्था या देशों की रेटिंग प्राचीन काल से होती आयी है. इतिहासकार हेरोडोटस ने साइरेन के विद्वान कल्लीमकस के साथ मिलकर सात अजूबों की असल सूची बनायी थी, जिसमें अलंकृत भाषा में इनकी खूबियों के बारे में बताया गया था. आधुनिक समय की क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की उत्पत्ति तो हाल की घटना है- 1837 के वित्तीय संकट के बाद एक विडंबना के साथ इनकी शुरुआत हुई. ऐसी...

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नौ फीसद विकास दर से मिट सकती है देश में गरीबी : रंगराजन

हैदराबाद। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा है कि देश में गरीबी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को सुलझाने के लिए अगले दो दशकों तक आर्थिक विकास की रफ्तार आठ-नौ फीसद रहने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने इस पर जोर दिया कि विकास की इस यात्रा में समाज के गरीब तबके को जोड़ना और उनका खयाल रखना चाहिए।   यहां एक कार्यक्रम में रंगराजन ने दक्षिण कोरिया...

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क्यों पिछड़ जाते हैं हमारे विश्वविद्यालय -हरिवंश चतुर्वेदी

वर्ष 2018 के लिए जो एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग सूची जारी हुई है, उससे भारत के लिए कुछ सुखद संकेत मिले हैं। 350 विश्वविद्यालयों की इस सूची में भारत के 42 विश्वविद्यालयों को इस बार स्थान मिला है। यह रैंकिंग जिन 13 आधार पर की गई है, उनमें 12 पर भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपनी स्थिति बेहतर बनाई है। विश्व स्तर पर विश्वविद्यालयों की रैंकिंग ऐसा मुद्दा है, जिसके भारत जैसे विकासशील...

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