जनसत्ता 11 अक्तूबर, 2013 : कई गंभीर घटनाएं हो रही हैं, लेकिन लोगों का मानस इस तरह का बना दिया गया है कि वे किसी विषय के इतिहास को लेकर तो बोलते हैं, उसके मौजूदा हालात पर कुछ सुनने को तैयार नहीं होते। कई बार लगता है कि सुनने की शारीरिक प्रक्रिया को भी एक खास तरह के ढांचे में ढाल देने में बाजारवादी विचारों को कामयाबी मिली है। तात्कालिक संदर्भ...
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महंगाई को अभी और आसमान चढ़ना है!
विश्वस्तर पर खाद्य-पदार्थ की कीमतों के मामले में मुद्रास्फीति के घटने के रुझान हैं। बहरहाल, आशंका यह है कि भारत के मामले में यह बात लागू ना हो पाये क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिर रही है।एफएओ ने हाल ही में खाद्य-पदार्थों की कीमतों से संबंधित अपना सूचकांक जारी किया है। इससे जाहिर होता है कि जुलाई महीने में भी विश्वस्तर पर कीमतों की मुद्रास्फीति में कमी हुई...
More »सुधारों की दिशा और आम आदमी( पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्मदिवस पर प्रभात खबर की विशेष प्र?
भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...
More »यूरिया मूल्यवृद्धि पर फैसला टला
Decision on urea hike averted सरकार ने यूरिया की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला टाल दिया है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में खाद मंत्रालय की ओर से यूरिया के खुदरा मूल्य में 10 फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर सरकार कोई निर्णय कर पाई। यूरिया इकलौती ऐसी खाद है, जिसकी कीमतों पर सरकार का पूरा नियंत्रण है। फिलहाल, यूरिया का खुदरा मूल्य 5,310 रुपया प्रति टन...
More »महंगाई दर में वृद्धि
नई दिल्ली। सब्जी, खाद्य तेल तथा दूध की कीमतों में उछाल से खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल महीने में बढ़कर 10.32 प्रतिशत हो गई। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक [सीपीआई] पर आधारित संशोधित मुद्रास्फीति मार्च महीने में 9.38 प्रतिशत थी। अस्थाई आंकड़ों में इसके 9.47 प्रतिशत रहने की बात कही गई थी। अप्रैल महीने सब्जी की कीमत में सालाना आधार पर सर्वाधिक 24.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई...
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