धान रोपनी का एक गीत है- ‘रोपा रोपे गेले रे डिंडा दंगोड़ी गुन्गु उपारे जिलिपी लगाये / लाजो नहीं लगे रे डिंडा दंगोड़ी गुन्गु उपारे जिलिपी लगाये /हर जोते गेले रे डिंडा दंगोड़ा एड़ी भईर तोलोंग लोसाते जाये /लाजो नहीं लगे रे डिंडा दंगोड़ा एड़ी भईर तोलोंग लोसाते जाये.' झारखंड के आदिवासियों के द्वारा गाये जानेवाले इस गीत में धान की खेती के समय का उल्लास है. यह धान की...
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सूखे में हो रही बारिश-- कुमार प्रशांत
किसान खुशहाल हो गये! अब किसान नेता अपने-अपने अांदोलन वापस ले लें. सूखे के अांकड़ों की ऐसी बारिश हुई है कि धरती अाप्लावित हो गयी है. प्रधानमंत्री ने कबीर-भूमि पर जाकर शताब्दियों का ऐसा कॉकटेल बनाया कि इतिहास अौर इतिहासकार सभी चारों खाने चित हो गये. उन्होंने ‘मेरे किसान भाइयों' की तरफ नजर घुमायी अौर एक ऐसी लकीर खींच दी कि किसान इधर अौर समस्याएं उधर रह गयीं. किसानों को...
More »बदल दिया खेती का पैटर्न, हर माह 30 हजार कमा रही ये महिला
कोतबा, जशपुर (छत्तीसगढ़)। सौर सुजला योजना की प्रेरणा से रोकबहार की दुतिका मरावी ने मिश्रित खेती में कुछ अलग कर दिखाया है। रासायनिक उर्वरकों की जगह देशी गोबर खाद का उपयोग करते हुए जहां गुणवत्तापूर्ण सब्जी उत्पादन को लेकर दुतिका मरावी चर्चित हुई। वहीं तीन फसल कर हर माह वह 30 हजार की आमदनी करते हुए कई लोगों को रोजगार भी दे रही है। जनपद पंचायत पत्थलगांव के ग्राम पंचायत रोकबहार...
More »निजीकरण नहीं वनों का हो कायाकल्प-- रामचंद्र गुहा
पैंतालीस साल पहले अलकनंदा घाटी के ग्रामीणों ने जब जंगल से पेड़ काटकर ले जाने वालों को रोका, तो किसी ने सोचा न होगा कि यहीं से चिपको आंदोलन की नींव पड़ने जा रही है। एक ऐसा किसान आंदोलन, जिसने भारत में वनों के व्यावसायिक दोहन पर सबका ध्यान खींचा। चिपको आंदोलन का ही यह असर था कि वनाधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ी। गढ़चिरौली, बस्तर, सिंहभूम और पश्चिमी घाट सहित...
More »फसल के दाम का सच-- योगेन्द्र यादव
कल रात एक छोटा-सा वीडियो देखा, कुछ ही मिनट का रहा होगा. इस वीडियो में महाराष्ट्र के जालना जिले का एक किसान अपने खेत में लगी गोभी की फसल को तहस-नहस कर रहा है. किसान का नाम है- प्रेमसिंह लखीराम चव्हाण. कहानी यह है कि खरीफ में कपास की फसल बरबाद होने के बाद प्रेमसिंह ने अपने खेत में टमाटर और गोभी लगाये. लेकिन, जब चार क्विंटल टमाटर बाजार...
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