आजादी के बाद से शायद पहली बार देश में इतना जबरदस्त कंफ्यूजन है। तीन स्पष्ट खेमों में समाज बंट गया है। कुछ इस खेमे में हैं तो कुछ उस। सामूहिक सोच या तो राष्ट्रवाद की नई परिभाषा के साथ खड़ी है या देश को बहुमत के दुराग्रहों से निजात दिलाने वालों के साथ। एक लकीर खींच दी गई है यह कहते हुए कि रेखा के उस पार तुम्हारा और इस...
More »SEARCH RESULT
सूखे की मार से मवेशी भी बेजार-- पंकज चतुर्वेदी
भीषण सूखे से बेहाल बुंदेलखंड का एक जिला है छतरपुर। यहां सरकारी रिकॉर्ड में 10 लाख 32 हजार चौपाए दर्ज हैं, जिनमें से सात लाख से ज्यादा तो गाय-भैंस ही हैं। तीन लाख के लगभग बकरियां हैं। चूंकि बारिश न होने के कारण कहीं घास बची नहीं है, सो अनुमान है कि इन मवेशियों के लिए हर महीने 67 लाख टन भूसे की जरूरत है। इनके लिए पीने के पानी...
More »भारी अनियमितता का शिकार है मिड डे मील स्कीम-- सीएजी
क्या स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने का मिड डे मील स्कीम का जादू कमजोर पड़ रहा है ? सीएजी की एक नई रिपोर्ट से इसी आशंका की पुष्टी होती है. रिपोर्ट के अनुसार मिड डे मील योजना वाले सरकारी स्कूलों में जहां छात्रों का नामांकन घट रहा है वहीं प्राइवेट स्कूलों में बच्चों का दाखिला बढ़ा है.(सीएजी की रिपोर्ट के लिए देखें नीचे दी गई लिंक) 27 राज्य और 7 संघशासित...
More »बड़वानी के मोतियाबिंद शिविर में रोशनी गंवाने वालों की संख्या 46 पहुंची
इंदौर/बड़वानी। सरकारी शिविर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद संक्रमण से आंख की रोशनी गंवाने वालों की संख्या शुक्रवार को 32 से बढ़कर 46 हो गई। शुक्रवार को चार और मरीज इंदौर पहुंचाए गए। संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ. शरद पंडित और अन्य डॉक्टरों की टीम ने बड़वानी में ऑपरेशन स्थल का दौरा किया। जांच दल को ऑपरेशन वाली जगह पर गंदगी, जंग, जाले दिखे। डॉ. आरएस पलोड़, ओटी इंचार्ज लीला वर्मा,...
More »साफ पर्यावरण किसकी जिम्मेदारी!--- पुष्परंजन
दिल्ली के जिस वसुंधरा इन्कलेव में मैं रहता हूं, वहां 56 हाउसिंग सोसाइटी हैं, और उसके पीछे एक गांव है, दल्लूपुरा. इस गांव में कबाड़ का कारोबार लंबे समय से फलता-फूलता रहा है.अक्सर कबाड़ी कूड़े में प्लास्टिक, रबर और रसायन जलाते हैं, जिससे आसपास के अपार्टमेंट में रहनेवालों का जीना दूभर हो जाता है. पुलिस में इसकी लगातार शिकायत गयी, तब यह कुछ समय के लिए रुका. यह इसलिए नहीं...
More »