जनसत्ता 17 नवंबर, 2014: बिलासपुर नसबंदी कांड राज्यतंत्र की क्रूरता का बेहद घिनौना उदाहरण है। केंद्र प्रवर्तित और राज्य पोषित नसबंदी कार्यक्रम को लागू करने में इतनी लोकविधर्मी विसंगतियां हैं। पर इन्हें सरकारी अहंकार समझना ही नहीं चाहता। जनसंख्या-वृद्धि पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय शासन ने बरसों से अंतरराष्ट्रीय स्थितियों, समझौतों और समझाइशों के तहत नीतियां बनाने का प्रयत्न किया है। शासन और भद्रलोक के उपचेतन में इस मुगालते...
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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कोढ़ा का हाल: 223 की जगह 25 दवा है उपलब्ध
कोढ़ा:प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोढ़ा में 223 दवाइयों के बदले मात्र 25 दवाई मरीजों के लिए उपलब्ध है. ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का इलाज किस स्तर का होता होगा. मरीजों को चिकित्सक के द्वारा लिखी जाने वाली अधिकांश दवाएं बाहर से खरीदकर लाना पड़ता है. वैसी स्थिति में गरीब तबके के लोगों का बेहतर इलाज नहीं हो पाता है. यही नहीं...
More »बाग में 200 लोग लड़ रहे सिकल सेल एनीमिया से जंग
जय तापड़िया, बाग। आदिवासी बहुल बाग ब्लॉक में सिकल सेल एनीमिया नामक घातक लाइलाज बीमारी के 200 से अधिक मरीज हैं। अनुवांशिक बीमारी होने से यह भावी पीढ़ी में लगातार फैलती जा रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान दौरे पर गए थे। जहां प्रधानमंत्री की पहल पर जापान ने भारत के साथ मिलकर इस बीमारी पर शोध करने पर सहमति जताई है। इससे पीड़ित मरीजों के लिए...
More »डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य
बीते 20 अगस्त को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की एक बैठक में महत्वाकांक्षी ‘डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम को मंजूरी दी गयी. सरकार ने कहा है कि यह कार्यक्रम भारत को डिजिटल सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए निर्धारित किया गया है. डिजिटल इंडिया की प्रकृति रूपांतरकारी है व इससे सुनिश्चित होगा कि सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध हों. आज के नॉलेज में पेश है...
More »खून के लिए आदिवासी कर रहे 100 किमी का सफर
मो. इस्राइल/ बिलासपुर(निप्र)। मरवाही, गौरेला, पेंड्रा, अमरकंटक समेत आसपास के आदिवासियों को बीमारी में खून की जरूरत होने पर 100 किलोमीटर का सफर कर सिम्स या फिर जिला अस्पताल आना पड़ रहा है। जबकि ब्लड स्टोरेज के लिए लाखों रुपए खर्च कर फ्रिजर आदि का इंतजाम किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण गरीब खून के लिए भटक रहे हैं। जिले के तीन अनुसूचित जाति बाहुल्य विकासखंड मरवाही, गौरेला...
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