73 वर्षीय फिरोज अशरफ जोगेश्वरी की झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए सुपरहीरो अंकल से कम नहीं हैं। उम्र के इस पड़ाव पर आकर फिरोज का कहना है कि जब तक हाथ-पांव चल रहे हैं, बच्चों को पढ़ाता रहूंगा। 1997 से अब तक 5000 से ज्यादा बच्चे उनसे शिक्षा ले चुके हैं। फिरोज बताते हैं, उनका मकसद शिक्षा की उस कमी को पूरा करना है जो सरकारी स्कूलों की अनदेखी के...
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मुंबई की झुग्गी में शिक्षा की अलख जगाते सुपरहीरो अंकल
फिरोज अशरफ ने बीस साल पहले नौकरी छोड़ दी थी। उनके पढ़ाए बच्चे आज झुग्गियों से निकलकर बड़े बैंक अधिकारी और वकील बन गए हैं। 73 वर्षीय फिरोज अशरफ जोगेश्वरी की झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए सुपरहीरो अंकल से कम नहीं हैं। उम्र के इस पड़ाव पर आकर फिरोज का कहना है कि जब तक हाथ-पांव चल रहे हैं, बच्चों को पढ़ाता रहूंगा। 1997 से अब तक 5000 से ज्यादा...
More »पहले मन साफ कीजिए, फिर सड़क- हर्षमंदर
इन दिनों देश में साफ-सफाई को लेकर एक बड़े सामाजिक आंदोलन की गहरी कसक दिखाई पड़ रही है। गांधी के नाम को याद किया जाने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बढ़कर स्वच्छता अभियान की अगुवाई की। उनके मंत्रियों और अधिकारियों ने कैमरों के आगे झाड़ू पकड़े। कॉलेज और स्कूलों के बच्चों ने गंदगी के खिलाफ और अपने आस-पड़ोस को साफ-सुथरा रखने की शपथ ली। इसके पहले प्रधानमंत्री ने...
More »मिड डे मील: स्कूलों में अब तक नहीं बन सका कि चेन शेड, 110 विद्यालयों में खाना बंद
पटना: पटना सदर के आधे से अधिक स्कूलों के बच्चे मिड डे मील से वंचित हैं. इन स्कूलों में न तो किचेन शेड है और न ही मिड डे मील बन रहा है. पिछले नौ महीनों से बच्चे बिना भोजन के ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं. सरकार द्वारा स्कूलों में किचेन शेड बनाने की बात कही गयी थी. लेकिन, अब तक स्कूलों में किचेन शेड नहीं बना है. पटना...
More »जिनको हाशिए पर भी जगह नहीं- अतुल चौरसिया
हिसार के पश्चिमी छोर पर स्थित एक विशाल फॉर्महाउस विरोधाभासों की जमीन है. इसके आधे हिस्से में एक शानदार कोठी, लॉन और पोर्टिको बने हैं जबकि बाकी का आधा हिस्सा बेतरतीब काली पॉलीथीन से ढंकी करीब 60-70 झुग्गियों से पटा हुआ है. जहां-तहां पानी के गड्ढे हैं जिनमें मच्छर और मक्खियां बहुतायत में पल-बढ़ रहे हैं. इसी झुग्गी बस्ती में अपनी कुछ मुर्गियों और दो सुअरों के साथ 80 साल...
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