रीनगर : बाढ़ प्रभावित कश्मीर में राहत सामग्री के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. बताया जा रहा ळै कि वितरण में अव्यवस्था के कारण भीषण प्राकृतिक आपदा से परेशान लोग राहत सामग्री हासिल करने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें कहीं कुछ नहीं मिल पा रहा है. विभिन्न राहत शिविरों में अधिकारी बाढ़ पीड़ितों को खाद्य सामग्री लेने के लिए नजदीकी थाने में भेज रहे हैं...
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जम्मू-कश्मीर : झेलम-चनाब का शोर और जल आयोग की चुप्पी
देश भर में बाढ़ की स्थिति का पूर्वानुमान लगाने और राज्यों को इस बारे में आगाह करने की जिम्मेवारी संभालने वाला केंद्रीय जल आयोग क्या जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ के मामले में अपनी भूमिका निभाने में नाकाम रहा है ? पर्यावरण और प्राकृतिक आपदा के मुद्दे को लेकर सक्रिय स्वयंसेवी संस्था साऊथ एशिया नेटवर्क ऑन डैमस्, रिवर्स एंड पीप'ल का कहना है कि केंद्रीय जल आयोग की तरफ से जम्मू-कश्मीर राज्य...
More »बदलते पर्यावरण की विनाशलीला - सुनीता नारायण
जम्मू-कश्मीर 60 साल की सबसे भयानक बाढ़ के अभिशाप को झेल रहा है। छह लाख लोग फंसे हुए हैं और 200 से ज्यादा के मरने की खबर है। इसके साथ ही धीरे-धीरे अब सबका ध्यान इस अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा के कारणों की तरफ जा रहा है। कहा जा रहा है कि बाढ़ के पानी ने अचानक ही इस राज्य को अपनी गिरफ्त में ले लिया। लेकिन यह कैसे हुआ? हर...
More »किसानों के लिए आनेवाले दिन बहुत भारी- देविंदर शर्मा
भारतीय मॉनसून के लिए अल नीनो, एक विलेन की तरह माना जाता है. अल नीनो की मार से ऑस्ट्रेलिया और भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. अल नीनो से सामान्य मॉनसून की हालत बिगड़ने का अंदेशा है, जिससे बारिश कम होने की आशंका जतायी जा रही है. देश के मौसम विभाग ने इस वर्ष अल नीनो के आने की 70 फीसदी तक उम्मीद जतायी है. दरअसल, मॉनसून के सबसे बीचवाले...
More »निर्मल गंगा का सपना- केपी सिंह
जनसत्ता 25 जून, 2014 :गंगा को निर्मल बनाने का अभियान नई सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। सरकार की प्रतिबद्धता इसी बात से आंकी जा सकती है कि इस संबंध में प्रारंभिक बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। काम बहुत मुश्किल है, पर असंभव नहीं। गंगा हिमालय से निकल कर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से बहते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर समुद्र...
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