हाल के समय में उत्तर भारत और विशेषकर दिल्ली एनसीआर वायु प्रदूषण की चपेट में है। अक्टूबर-नवंबर में हवा की गुणवत्ता न्यूनतम स्तर तक पहुंच गई है। मीडिया रिपोर्टों में इसका बड़ा कारण पराली ( धान फसल के ठंडल) जलाना बताया गया है, और इससे दिल्ली और आसपास के लोगों के स्वास्थ्य पर खासा प्रभाव पड़ रहा है। सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फारकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR-India) की वेबसाइट...
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बिहार: ज़मीन के मालिक तो बन गए, लेकिन ज़मीन न मिली-- उमेश कुमार राय
48 वर्षीय अमर राम को 17 साल पहले साल 2002 में बिहार सरकार ने 91 डिसमिल जमीन का पर्चा दिया था. पीढ़ियों से भूमिहीन अमर राम के हाथ में जब एक ए-फोर साइज का कागज का टुकड़ा आया, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था. लेकिन ये खुशी काफूर साबित होगी, इसका इल्म उन्हें बिल्कुल भी न था. अमर राम मुश्किल से दो साल ही उस 91 डिसमिल जमीन के...
More »पानी के बहाव का आपदा बन जाना-- दिनेश मिश्र
बहते पानी में अगर थोड़ी देर खड़ा रहना पड़ जाए, तो पैरों के नीचे से जमीन खिसकने लगती है, और जब जमीन सिर्फ रेत की बनी हो, तो पानी में संभलना बहुत मुश्किल हो जाता है। जमीन खिसकने का यह मुहावरा ऐसे ही किसी बाढ़ वाले क्षेत्र में ईजाद हुआ होगा। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक बिहार में 12 जिले बाढ़ से त्रस्त हैं, 921 ग्राम पंचायतों में एक...
More »संकट के दोराहे पर हैं आदिवासी-- गिरिधारी राम गौंझू ‘गिरिराज
सर्वोच्च न्यायालय ने जंगलों में रहने वाले ऐसे आदिवासियों और वनवासियों को निकालने के लिए कहा है, जिनका वनभूमि पर दावा नहीं बनता। जाहिर है, इस आदेश के बाद झारखंड और बिहार समेत तमाम राज्यों के जंगलों में रहने वाले आदिवासियों और वनवासियों के समक्ष बड़ा संकट खड़ा हो गया है। जंगल को ही अपना सब कुछ मानने वाले ये आदिवासी वहां से बेदखल होने के बाद कहां जाएंगे? अगर हम...
More »हर खेत को पानी के सुंदर सपने को पूरा करने में सावधानी जरूरी
बिजलीकरण का सुंदर सपना लगभग पूरा हो रहा है. अब सरकार हर खेत को पानी देने के सुंदर सपने को पूरा करने के लिए सचेष्ट है. बिहार सरकार की यह कोशिश ऐतिहासिक है. पर, संकेत हैं कि बड़ी संख्या में बंद पड़े राजकीय नलकूपों को फिर से चालू करने की बड़ी योजना शुरू हो सकती है. वह भी अच्छी बात है. पर, उस सिलसिले में इस बात पर ध्यान रखना...
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